जहां मौका लगेगा, मारते रहेंगे; लेबनान और ईरान में भीषण हमलों के बीच इजरायल की नई धमकी…
गाजा पट्टी पर हमास और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध अब दूसरे देशों तक फैल रहा है।
इजरायल ने इसी सप्ताह लेबनान के अंदर घुसकर एक ड्रोन अटैक में हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरूरी को मार गिराया था। यही नहीं बुधवार को तो ईरान में पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र पर दो बम धमाके हो गए।
इस धमाके में 103 लोग मारे गए हैं, जबकि करीब 200 लोग जख्मी हुए हैं। माना जा रहा है कि इसमें भी इजरायल का रोल था। इस बीच इजरायल के खुफिया प्रमुख का कहना है कि हम जहां भी मौका लगेगा, वहां बदला लेंगे और ले भी रहे हैं।
अब तक इजरायल ने इन हमलों को लेकर कुछ नहीं कहा है और न ही जिम्मेदारी ली है, लेकिन मोसाल चीफ डेविड बर्निया का बयान तो इसके ही संकेत देता है।
डेविड बर्निया ने कहा, ‘मोसाद एजेंसी उन हत्यारों को निपटाने के लिए तत्पर है, जिन्होंने 7 अक्टूबर का हमला किया था।’ उन्होंने कहा कि उस हमले का बदला लेने में हमें समय लगेगा, जैसा म्यूनिख हत्याकांड के बाद हुआ था। लेकिन उन लोगों पर हम हाथ जरूर डालेंगे, भले ही वे कहीं भी रहें। हम अपना बदला लेकर रहेंगे।
डेविड बर्निया ने बुधवार को मोसाद के पूर्व चीफ जवि जामिर के अंतिम संस्कार के दौरान ये बातें कहीं। जवि जामिर के नेतृत्व में ही इजरायली ने 1972 में फिलिस्तीन के उग्रवादी समूहों पर हमला बोला था।
उनका यह बयान अरूरी की हत्या के ठीक एक दिन बाद आया है। बता दें कि अरूरी की हत्या से लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह भी बिफर गया है।
उसने इजरायल से इसका बदला लेने की बात कही है। यही नहीं हिजबुल्लाह ने कहा कि इजरायल का यह हमला लेबनान की संप्रभुता पर भी अटैक है। हिजबुल्लाह की इस धमकी के बाद से इजरायल में हाई अलर्ट है।
‘अरब समझ लें कि हमला करने वालों का सिर रखकर रोना होगा’
इजरायल ने बयान जारी कर यह भी कहा है कि हमारा हमला लेबनान पर नहीं था बल्कि हमारे लोगों की हत्या करने वालों पर था।
इस हमले में अरूरी के अलावा हमास के 6 और आतंकी मारे गए थे। डेविड बर्निया ने कहा कि हर अरब यह समझ ले कि यदि उसके बच्चे ने 7 अक्टूबर के हमले में भूमिका अदा की थी तो उन्हें उसका सिर गोद में रखकर रोना होगा।
बता दें कि करीब तीन महीने से इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। अब तक इजरायल के हमलों में करीब 20 हजार लोग मारे गए हैं। इसके अलावा गाजा के अहम प्रतिष्ठान भी जमींदोज हो चुके हैं।