छत्तीसगढ

किशोर न्याय अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित….

किशोर न्याय अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

जगदलपुर । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पुलिस विभाग के सहयोग से सोमवार 27 फरवरी को जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

जिले के समस्त थानों में पदस्थ बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों तथा अन्य स्टेक होल्डर्स के लिए किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 यथा संशोधित 2022 विषय पर एक दिवसीय आयोजन पुलिस कॉर्डिनेशन सेंटर लालबाग में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा ने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण का विषय एक ऐसा विषय है जिसमें सभी विभागों के सहयोग व समन्वय की आवश्यकता है।

अतः बाल कल्याण पुलिस अधिकारी बच्चों के अधिकारों एवं उनके पुनर्वास हेतु संवेदनशीलता के साथ सजग होकर कार्य करे। साथ ही बच्चे के प्रकरणों में अपराधिक दृष्टिकोण से कार्य न करते हुए

बच्चों के हित में कार्य करने हेतु सभी विभागों को साथ मिलकर एकजुट होकर समन्वय से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  निवेदिता पॉल ने बच्चों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने की बात कहीं। किशोर न्याय अधिनियम और बाल अधिकार के संबंध में जानकारी देते हुए

बाल कल्याण अधिकारियो को विवेचना के दौरान आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों के संबंध में चर्चा करते हुए

इस प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओ के समाधान जागरूक होकर करने की बात कहीं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा द्वारा अपने उदबोधन में बताया गया

कि बच्चे और महिलाओ के मामले अतिसंवेदनशील होते हैं। जिसके लिए सभी विभाग के स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर समन्वय से कार्य किया जाना चाहिए। जिससे बच्चों के अधिकारों को संरक्षण प्राप्त हो सके।

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद घृतलहरे द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं, अपराधों एवं उसमें हुए

नवीन संशोधनों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उप पुलिस अधीक्षक सुश्री अपूर्वा क्षत्रिय द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य से अवगत कराया गया।

जिला बाल संरक्षण इकाई में पदस्थ विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी संतोष कुमार बैध द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को किशोर न्याय बोर्ड में प्रकरण प्रस्तुत करने के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं एवं व्यवहारिक समस्याओं के संबंध में जानकारी देते हुए उनके समाधान पर चर्चा की गई।

इस दौरान प्रश्नोत्तरी का सत्र आयोजित किया गया। जिसमें उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर उपस्थित वक्ताओं के साथ-साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा दिए गए।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. विजय शंकर शर्मा द्वारा उपस्थित अतिथिगण एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस प्रशिक्षण में पुलिस विभाग के बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के अतिरिक्त किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ श्रम विभाग, शिक्षा विभाग,

स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग के साथ-साथ स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मंच का संचालन यूनीसेफ के जिला समन्वयक दुर्गा शंकर नायक द्वारा किया गया।

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