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आईफोन, इस्लामिक किताबें और पर्यटन; अफगानिस्तान की तस्वीर कैसे बदल रहा तालिबान…

जब कट्टर इस्लामिक संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो दुनियाभर के देशों ने अफगानियों के लिए हमदर्दी जताई। महिलाओं के स्कूल पर पाबंदियों से लेकर संगीन सुनने पर रोक और सरकारी दफ्तरों में दाढ़ी न कटवाने जैसे फरमान तालिबानी फैसलों की बानगी भर हैं।

इन सबके बीच जब अब तालिबान कई देश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, उसने अपने तेवर बदल दिए हैं।  मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि तालिबान अब अफगानिस्तान की तस्वीर बदल रहा है। 

2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश के हालात काफी बदल गए हैं। जो देश कभी अंतरराष्ट्रीय सहायता और विदेशी निवेश के लिए जाना जाता था।

अब गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। अरबों की संपत्ति जब्त होने और अधिकांश देशों द्वारा खुद को किनारे किए जाने के बाद अफगानिस्तान पर संकट और गहरा गया है।

हालांकि इस आर्थिक संकट के बीच तालिबान की अंतरिम सरकार देश को फिर से खड़ा करने में जुटी है।

दो दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तालिबान को तोहफा देते हुए वादा किया कि वह तालिबान को आतंकियों की लिस्ट से बाहर करेगा। दो दिन पहले रूस  के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तालिबानी नेताओं के साथ मंच साझा करते हुए भी देखे गए। 

खुद को खड़ा करने में जुटा अफगानिस्तान
तमाम आर्थिक कठिनाइयों के बीच अफगानिस्तान ने खुद को खड़ा करने के तरीके खोज निकाले हैं। तकनीक में विदेशी देशों से मुकाबला करने के लिए कट्टर तालिबानी नेता भी आईफोन खरीद रहे हैं।

काबुल के एक व्यवसायी यूनिस सफी का कहना है, “अफगानिस्तान में, आपका फोन ही आपकी पहचान है। सफ़ी के ग्राहकों में न केवल अमीर अफगान बल्कि तालिबान के वे कट्टर नेता भी हैं, जो कभी तकनीक को इस्लाम के लिए हराम बताते थे।

सूफी का कहना है कि उसके ग्राहक स्मार्टफोन खरीदते हैं, वीडियो बनाते हैं और सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग करते हैं। वो कहते हैं कि अफगानिस्तान बदल रहा है।

लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी
अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अज़ीज़ी का कहना है कि तालिबान ने पश्चिमी अफगानिस्तान में एक लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।

कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ प्रारंभिक समझौते भी कर लिया है। लॉजिस्टिक हब मुख्य रूप से कई कंपनियों को एक मंच पर लाने का प्लेटफॉर्म है, जो माल को टारगेट तक पहुंचाते हैं।

तालिबानी मंत्री का कहना है कि हमारा लक्ष्य देश को दक्षिण एशिया में रूसी तेल सहित क्षेत्रीय निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में स्थापित करना है।  नूरुद्दीन अज़ीज़ी ने कहा है कि छह महीने की चर्चा के बाद हम तीनों देशों से निवेश की उम्मीद कर रहे हैं। 

अफगानिस्तान को पर्यटन हब बनाएंगे
तालिबानी सरकार काबुल में कुछ स्पेशल क्लासेस शुरू कर रहा है, जिसका लक्ष्य देश में पर्यटन को बढ़ावा देने से है। इसमें लगभग 30 पुरुष हैं। तालिबान की यह पहल महिलाओं पर कड़े शैक्षिक और सामाजिक प्रतिबंधों के बावजूद, अफगानिस्तान को नई तस्वीर देने के लिए है।

काबुल के पर्यटन निदेशालय के प्रमुख मोहम्मद सईद का कहना है कि दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्रों तुलना में हम भी खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि अफगानिस्तान अभी भी कठिन वीज़ा प्रक्रियाओं, कई देशों से राजनयिक संबंध न होने जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

इन परेशानियों के बावजूद तालिबानी सरकार का लक्ष्य अफगानिस्तान को एक उभरते पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है।

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