राजनीतिक

त्रिपुरा: राज्य सरकार के मंत्रालय बंटवारे से टिपरा मोथा नाखुश, CM ने नहीं सुनी तो अब गृह मंत्री से करेंगे बात

लोकसभा चुनाव से पहले ही त्रिपुरा के मंत्री टिपरा मोथा ने स्पष्ट किया था कि वे वे आवंटित विभागों से खुश नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे इस मुद्दे को केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष भी उठाएंगे। त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है। त्रिपुरा में विभााग आवंटन को लेकर मंत्रियों में तनातनी चल रही है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही त्रिपुरा में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के मंत्री टिपरा मोथा अनिमेष देबबर्मा ने विभाग आवंटन पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि वे इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात भी करेंगे। यही नहीं वे इस बारे में मुख्यमंत्री माणिक साहा से भी बात कर चुके हैं। बता दें कि मार्च में टिपरा मोथा के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद, विपक्ष के नेता अनिमेष देबबर्मा और वृषकेतु देबबर्मा को मंत्री बनाया गया। वृषकेतु देबबर्मा को उद्योग और वाणिज्य विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया।

उन्होंने कहा कि "मुझे आवंटित विभागों से मैं खुशी नहीं है। वन विभाग ठीक है, लेकिन प्रिंटिंग और स्टेशनरी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (टीआरईडीए को छोड़कर) से मैं खुश नहीं हूं। मैंने कुछ दिन पहले सीएम से मुलाकात की थी। उनसे कुछ महत्वपूर्ण विभाग आवंटित करने का आग्रह किया था। जिससे कि मैं ग्रामीण लोगों की मदद कर सकूं। छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।" अनिमेष देबबर्मा ने कहा कि वह जल्द ही दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री शाह से मिलेंगे। उन्हें एक बार फिर गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के लिए बधाई देंगे साथ ही उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 22 सालों से राजनीति में हूं। कई विधायकों को राजनीति में सिर्फ़ पांच साल पूरे करने के बाद भी कई चीज़ें मिल जाती हैं। अगर मुझे महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलते हैं तो कोई बात नहीं है। मैं सरकार के ख़िलाफ़ नहीं हूं, लेकिन मुझे काम करना है।" अनिमेष देबबर्मा ने यह भी कहा "अगर कोई मेरे अनुभव को देखे, तो मैं कई साल पहले विधायक चुना गया था। उसके बाद फिर मैंने त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज़ ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल में कार्यकारी सदस्य के तौर पर काम किया और विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी अपने कर्तव्यों का पालन किया। मैं सीएम से आग्रह करता हूं कि मुझे महत्वपूर्ण विभाग दिए जाएं और मैं कुशलता से काम करूंगा।" 

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