छत्तीगसढ़ में ढाई हजार करोड़ के आबकारी घोटाला में उपयोग किए गए नकली होलोग्राम एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बरामद किया है। नकली होलोग्राम रायपुर शहर से लगे धनेली से जब्त किया गया है। सबूत मिटाने के लिए होलोग्राम को जलाने का प्रयास किया गया है। एसीबी ने करीब पांच बाक्स जले हुए होलोग्राम जब्त किए हैं।
अफसरों ने बताया कि धनेली में जिस खेत से यह होलोग्राम जब्त किया गया है, वह शराब घोटाले के आरोपित अनवर ढेबर के पिता के नाम पर है। एसीबी ने होलोग्राम जब्त करने के साथ ही तीन आरोपित अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को 11 जुलाई तक एसीबी की रिमांड में सौंप दिया। अमित शराब घोटाले के आरोपित अरविंद सिंह भतीजा है। दीपक शराब सप्लाई का काम देखता था।
एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 से 2022 तक सरकारी दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अनवर ढेबर और उसके सिंडीकेट द्वारा अवैध रूप से बेचकर शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी।
उपरोक्त जमीन पर अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और सिंडीकेट के अन्य व्यक्तियों द्वारा फर्जी होलोग्राम को नोएडा से लाकर भंडारण, डिस्लरियों को वितरण, खाली शीशियों डिस्लरों को सप्लाई और अवैध शराब (पार्ट-बी) के बिकी से प्राप्त कमीशन का संग्रह किया जाता था।
वर्ष 2022 में ईडी की रेड के डर से अनवर ढेबर और अरविंद सिंह के कहने पर बचे हुए डुप्लीकेट होलोग्राम को नष्ट किया गया था। जिसकी सूचना प्राप्त होने पर ईओडब्ल्यू की टीम ने गवाहों के समक्ष जेसीबी से छह फीट खुदवाकर जब्त किया गया।
उपरोक्त परिसर को ईओडब्ल्यू द्वारा सील कर प्रकरण में डुप्लीकेट होलोग्ग्रम भंडारण, वितरण और नष्टीकरण से संबंधित अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी को गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया।