देश

महंगे मोबाइल रिचार्ज पर कांग्रेस का हल्ला बोल, सरकार ने दी सफाई

मोबाइल सेवाओं की दरों में हालिया वृद्धि पर कांग्रेस के दावों को सरकार ने भ्रामक बताकर खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि भारत का मोबाइल सेवा बाजार मांग और आपूर्ति की ताकतों से संचालित होता है, जिसमें तीन निजी दूरसंचार कंपनियां और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी शामिल हैं।

भारत में मोबाइल शुल्क सबसे कम

साथ ही कहा कि देश के ग्राहकों को दुनियाभर में सबसे कम दरों पर मोबाइल सेवाएं प्राप्त होती हैं। केंद्रीय संचार मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पिछले दो दशकों में मोबाइल सेवाओं की दरों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने संयमित रखा था और सरकार की नीतियों व नियामक की ओर से अधिसूचित नियामक ढांचे के परिणामस्वरूप भारत मोबाइल सेवा ग्राहकों के लिए सबसे कम दरों वाले देशों में से एक है।

मंत्रालय ने इस संदर्भ में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, रूस और अन्य देशों में प्रचलित दरों का तुलनात्मक चार्ट उपलब्ध कराया। भारत के मामले में 1.89 अमेरिकी डालर प्रतिमाह की औसत कीमत पर व्यावहारिक रूप से असीमित वॉयस कॉल और 18 जीबी डाटा मोबाइल ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।

सरकार मुक्त बाजार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती

मंत्रालय ने कहा, ''दूरसंचार सेवाओं की दरें बाजार की ताकतों द्वारा तय की जाती हैं, जो स्वतंत्र नियामक यानी ट्राई द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के भीतर होती हैं। सरकार मुक्त बाजार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती।''

5जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश

बयान में आगे कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों ने दो वर्ष से अधिक समय के बाद मोबाइल सेवाओं की दरों में वृद्धि की है। इस दौरान कुछ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने देशभर में 5जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश किया है। जिससे औसत मोबाइल स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 100 एमबीपीएस तक पहुंच गई है।

इस मामले में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग भी अक्टूबर, 2022 की 111 से बढ़कर आज 15 हो गई है। ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हुए दूरसंचार क्षेत्र की व्यवस्थित वृद्धि (जिसमें 5जी, 6जी, उद्योग 4.0 के लिए आइओटी/एम2एम जैसी नवीनतम तकनीकों में निवेश शामिल है) के लिए क्षेत्र की वित्तीय व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button