देश

ट्रेनी आईएएस पूजा पर आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं। 2023 बैच की आईएएस अधिकारी उस वक्त चर्चा में आ गईं जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाई। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है। इसके अलावा पूजा की नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। अब इस मामले में केंद्र ने जांच बैठा दी है। वहीं पुणे ट्रैफिक पुलिस ने भी उन्हें नोटिस तलब किया है। विवादों में फंसी आईएएस अधिकारी राजनैतिक दलों के निशाने पर भी हैं। महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने कहा कि यह मामला गंभीर है। वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने राज्य के मुख्य सचिव से इन आरोपों की व्यापक और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
 

कौन हैं पूजा खेडकर और कहां काम कर रही हैं?

पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पूजा सुर्खियों में तब आईं जब पुणे में बतौर प्रशिक्षु अधिकारी काम कर रही थीं। विवाद के बाद उनका तबादला वाशिम कर दिया गया है। तबादले के बाद उन्होंने वाशिम में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है। 34 साल की पूजा यूपीएससी-2022 की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनी हैं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के लिए मानवविज्ञान को अपना विषय चुना था। पूजा खेडकर को यूपीएससी-2022 में AIR 821 रैंक मिली थी। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी की रहने वाली पूजा ने मेडिकल की पढ़ाई की है। पूजा के पिता दिलीप खेडकर भी प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं। दिलीप महाराष्ट्र प्रदूषण विभाग के आयुक्त रहे हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। दिलीप ने वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के टिकट पर अहमदनगर सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में दिलीप चौथे नंबर पर रहे थे और अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे। पूजा की मां डॉ. मनोरमा खेडकर अहमदनगर जिले के पाथर्डी तालुका के भालगांव की सरपंच हैं। जानकारी के मुताबिक, पूजा खेडकर के नाना जगन्नाथराव बुधवंत भी एक आईएएस अधिकारी थे। प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर हाल के दिनों में अपनी मांगों और कारनामों को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दरअसल, पूजा पर पुणे में बतौर प्रोबेशन आईएएस अधिकारी रहते हुए अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। इतना ही नहीं पूजा ने अपनी निजी ऑडी कर पर लाल-नीली बत्ती लगा दी। ऑडी कार पर विवाद होने और तबादले के बाद गुरुवार को पूजा वाशिम में पदभार ग्रहण करने बोलेरो कार से पहुंचीं। वहां, उन्होंने इस पूरे विवाद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। तमाम विवादों के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे ने मुख्य अपर सचिव को पत्र लिखकर पूजा की शिकायत की थी। पत्र में उन्होंने पूजा के बर्ताव की शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि पूजा जूनियर स्टाफ के साथ आक्रामक बर्ताव करती हैं, उन्होंने एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे का चेंबर गैर कानूनी तरीके से कब्जा कर लिया है। कलेक्टर के पत्र के बाद पूजा का वाशिम तबादला हो गया। मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि 2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी अपनी परिवीक्षा की शेष अवधि वाशिम जिले में बतौर सुपर न्यूमरेरी असिस्टेंट कलेक्टर पूरी करेंगी। विवादों के बीच पुणे ट्रैफिक पुलिस ने गुरुवार शाम आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को नोटिस भेजा। पुणे शहर में चतुश्रृंगी यातायात विभाग के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शफील पठान ने कहा, 'यह पाया गया है कि चार पहिया वाहन पर कार के सामने एक बत्ती लगाई गई है और उस पर महाराष्ट्र सरकार लिखा हुआ है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत उस निजी वाहन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।' यातायात विभाग के अधिकारी ने आगे कहा, 'यह भी देखा गया है कि इस वाहन के खिलाफ पहले भी यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की गई है। उसके बिल भी शुल्क के भुगतान के बिना लंबित है। हमें जानकारी मिली है कि आप उस निजी वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उस निजी वाहन को आगे के कानूनी निरीक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ चतुरश्रृंगी परिवहन विभाग में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।'

पूजा की नियुक्ति को लेकर क्या विवाद है?

पूजा केवल अपने आचरण को लेकर ही विवादों में नहीं हैं बल्कि उनकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने पूजा खेडकर की आईएएस में नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। कुंभार ने दावा किया कि पूजा खेडकर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी से आईएएस अधिकारी बनीं। उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है। ऐसी आय नॉन-क्रीमी लेयर में कैसे आ सकती है?' बता दें कि ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर वाले वो उम्मीदवार होते हैं जिनके माता-पिता की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम होती है। आरटीआई कार्यकर्ता ने आगे दावा किया कि पूजा खेडकर ने आईएएस की नौकरी के लिए दिव्यांग कोटे का भी इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने कई बार मेडिकल टेस्ट छोड़ दिए हैं। पूजा ने आईएएस के लिए कैसे क्वालीफाई किया? ये बड़े सवाल हैं।' 

नियुक्ति को लेकर सरकार ने क्या कदम उठाया है?

पूजा की नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों को अब केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने गुरुवार को जारी किए एक आधिकारिक बयान में बताया, 'केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अभ्यर्थिता संबंधी दावों और अन्य जानकारियों को सत्यापित करने के लिए एक समिति गठित की है। भारत सरकार के अपर सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एकल सदस्य वाली समिति का गठन किया है। यह समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

 चोर को रिहा करने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप

पूजा पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर चोरी के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को रिहा करने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप है। नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को बताया है कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने कथित तौर पर एक डीसीपी रैंक के अधिकारी पर चोरी के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को रिहा करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की थी। शुक्रवार को एक अधिकारी ने जानकारी दी कि यह घटना 18 मई को पनवेल पुलिस स्टेशन में हुई थी। यहां खेडकर ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को फोन किया और उनसे चोरी के मामले में गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाड़े को रिहा करने का आग्रह किया। अधिकारी के अनुसार, खेडकर ने डीसीपी से कहा कि उत्तरवाड़े निर्दोष है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप मामूली हैं। इस घटना के बाद नवी मुंबई पुलिस ने पुणे कलेक्टर कार्यालय और गृह विभाग के एक वरिष्ठ कर्मचारी से संपर्क किया। अधिकारी ने बताया कि गृह विभाग के अधिकारी की सलाह पर डीसीपी पानसरे ने कथित फोन कॉल पर दो पन्नों की रिपोर्ट मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को भेजी। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button