राजनीतिक

भाजपा के लिए बहुत अच्छा संदेश नहीं दे रहे विधानसभा के उपचुनाव

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में झटका खा चुकी भाजपा संभलती इससे पहले ही 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने एक और बड़ा झटका दिया है। विपक्षी एकता की नींव ने बीजेपी के सभी समीकरणों को बिगाड़ कर रख दिया। इसी वजह से चुनाव में एक तरफ अगर बीजेपी सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज कर पाई तो वहीं दूसरी तरफ दो राज्यों की 5 सीटों में से चार पर कांग्रे,स बंगाल की चारों सीटों पर टीएमसी और पंजाब की एक सीट पर आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की।
बड़ी बात यह है कि जो पांच दलबदलू नेता इस बार उपचुनाव में हारे हैं, उसमें से चार तो बीजेपी की तरफ से थे। इस कड़ी में सबसे पहले नाम आता है होशियार सिंह का जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा सीट पर बतौर निर्दलीय जीत दर्ज की थी। लेकिन 2024 के मार्च में सबसे बड़ा सियासी खेल हुआ और होशियार सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इस बार बीजेपी को बड़ी उम्मीद थी कि उपचुनाव में होशियार सिंह जीत दर्ज कर लेंगे, लेकिन उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है बीजेपी में बड़े पद की वजह से उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी, लेकिन अब तो उनकी विधायकी भी हाथ से छिन चुकी है। बीजेपी की बात करें तो उसे सिर्फ दो ही सीटों पर जीत मिली है। एक तरफ हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से जीत का स्वाद मिला है तो वही कमलनाथ के गढ़ अमरवाड़ा में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया। अगर मोटा मोटा समझा जाए तो सात राज्यों की 13 सीटों में इंडिया गठबंधन एनडीए पर पूरी तरह भारी पड़ा है और उसने 10 सीटें हासिल की हैं। बिहार की रुपौली इकलौती ऐसी सीट रही जहां पर दोनों इंडिया और बीजेपी को झटका लगा और निर्दलीय उम्मीदवार ने वहां से जीत हासिल की।

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