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बुढ़मू में तस्करी की कार्रवाई में 6 वाहनों को आग लगाई, थानेदार और एक अधिकारी निलंबित

रांची के बुढ़मू में मंगलवार की देर रात सुदूर छापर बालू घाट में अपराधियों ने अवैध बालू की निकासी करने पहुंचे छह वाहनों को आग के हवाले कर दिया। चार टर्बो, एक जेसीबी मशीन और एक ट्रैक्टर जलाए गए। रांची, रामगढ़, हजारीबाग जिले के सीमांत इलाके में इस घटना से बालू की तस्करी में लगे तस्करों और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

पुलिस के अनुसार, मंगलवार की रात बारह बजे छह अपराधी बाइक पर घटनास्थल पर पहुंचे थे। सभी अपराधियों के हाथ में हथियार थे। उस वक्त दर्जनों वाहन चालक अवैध तरीके से बालू की निकासी में लगे थे। अपराधियों के पहुंचते ही सभी लोग वहां से भाग निकले।

अपराधियों ने मजदूरों, ड्राइवर व ग्रामीणों को धमकी भी दी। इसके बाद अपराधियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया। अपराधियों ने लोगों को धमकी दी कि बिना सहमति के बालू की निकासी नहीं होनी चाहिए। ऐसा हुआ तो अंजाम ठीक नहीं होगा।

आइजी और ग्रामीण एसपी पहुंचे घटनास्थल

घटना की सूचना पाकर आइजी अखिलेश झा व ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने छापर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके पर बालू के डंप स्टाक को देखकर आइजी ने स्थानीय पुलिसकर्मियों को कड़ी फटकार लगाई व अग्रतर करवाई के दिशा-निर्देश दिए।

त्वरित करवाई करते हुए एसएसपी ने छुट्टी पर गए बुढ़मू थानेदार रामजी कुमार और थाना प्रभारी के प्रभार पर रहे एसआइ संतोष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही नगड़ी थाना में पदस्थापित एसआइ रितेश कुमार महतो को बुढ़मू का नया थानेदार बनाया गया है। नए थानेदार ने योगदान दे दिया है।

छापर बालू घाट पर वर्चस्व की जंग

वर्चस्व की जंग को लेकर हुई घटना बुढ़मू थाना क्षेत्र के छापर बालू घाट पर कई वर्षों से वर्चस्व कायम करने की होड़ उग्रवादी और अपराधियों के बीच मची हुई है। इस वजह से बुढ़मू में आए दिन उग्रवादी और अपराधियों में झड़प होती है।

छापर घाट से प्रतिदिन उग्रवादी, पराधी, पुलिस से लेकर सफेदपोशों तक के नाम पर अवैध बालू का कारोबार चल रहा है। अवैध बालू के कारोबर में उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, जेजेएमपी, अपराधी गिरोह अमन साहू, भोला पांडेय गिरोह, विकेश तिवारी और आलोक का गिरोह सक्रिय है।

बुढ़मू थाना से 28 किमी दूर है घटनास्थल छापर बालू घाट झारखंड दामोदर नदी पर है। बुढ़मू थाना से 28 किमी दूर रांची, हजारीबाग व रामगढ़ जिले के सुदूर क्षेत्र में स्थित है। इस बालू घाट का नियमित कभी टेंडर नहीं हुआ, लेकिन पिछले दस साल से यहां से बालू का निकासी हो रही है।

दो गुटों ने ली है जिम्मेदारी

टीएसपीसी से अलग हुए दो गुट आलोक गिरोह और विकेश तिवारी गिरोह ने घटना की जिम्मेदारी ली है। पुलिस के अनुसार, आलोक गिरोह ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है।

पुलिस भी इसी दिशा में छानबीन कर रही है। पुलिस का कहना है कि आलोक और अन्य अपराधी पहले टीएसपीसी के लिए काम करते थे। बाद में संगठन से हटकर अपना गिरोह तैयार कर लिया। पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं छापर बालू घाट में वर्चस्व की जंग को लेकर लगातार घटनाएं घट रही हैं।

अपराधियों ने बीते 10 जुलाई को रात में दो ट्रैक्टर को जला दिया था। सितंबर में हाइवा ट्रक, दिसंबर 2023 में चार बाइक में आग लगा दी गई थी। पिछले 21 जुलाई को इसी बालू घाट में आलोक गिरोह और टीएसपीसी के सदस्यों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। जिसमें सात लोगों के हाथ पैर टूट गए थे।

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