मध्यप्रदेशराज्य

पति को दी दर्दनाक मौत, शराब पिलाई, पीटा, नींद की गोलियों का घोल बनाकर लगाए इंजेक्शन और फिर घोंटा गला

मुरैना ।   मुरैना जिले की नूराबाद थाना पुलिस ने छर्रा का पुरा गांव के तालाब किनारे बोरे में बंद मिली लाश के मामले खुलासा कर दिया है। युवक की पत्नी ने अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ मिलकर पति की हत्या की थी। आरोपियों ने हत्या का जो तरीका अपाया वह काफी हैरान करने वाला है।  आरोपियों ने युवकी की हत्या करने से पहले उसे खूब शराब पिलाई और फिर नशे की हालत में उसके साथ जमकर मारपीट की। इसके बाद 25-30 नींद की गोलियों को पीसकर पानी में मिलाया और इस घोल को इंजेक्शन में भरकर युवक की गर्दन, पेट, छाती और पसलियों में लगाया। इसके बाद मुंह में साफी ढूंसकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने महिला, उसके प्रेमी और पांच दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया। अब पढ़िए, पत्नी के बेवफा और फिर कातिल बनने की हैरान कर देने वाली कहानी। 

क्या है मामला? 

जानकारी के अनुसार  2 अगस्त को मुरैना जिले के छर्रा का पुरा गांव के तालाब किनारे बोरे में बंद एक युवक की लाश मिली थी। युवक की पहचान बिचौला गांव निवासी मनोज पुत्र राजीलाल उच्चारिया (37) के रूप में हुई थी। मनोज के शव को उसके पिता, भाई और अन्य लोगों ने पहचान लिया था, लेकिन पत्नी भारती ने कहा था कि शव उसके पति का नहीं, किसी और का है। भारती की यह बात पुलिस को खटक गई, क्योंकि परिवार और अन्य लोग शव मनोज का बता रहे थे और वह इससे इनकार कर रही थी। ऐसे में पुलिस को भारती की भूमिका संदिग्ध लगी और उसने केस दर्ज कर मामले की जाचं शुरू की।  

कंप्यूटर सीखने के दौरान नजदीक और भारती और आशुतोष

युवक की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। साथ ही मृतक मनोज और उसकी पत्नी भारती के मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मनोज की पत्नी भारती का मुरैना में रहने वाले आशुतोष माहौर के साथ अवैध संबंध है। पुलिस ने भारती के प्रेमी  आशुतोष के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह मुरैना के वनखंडी रोड़ स्थित कौशल विकास केंद्र का मैनेजर है। करीब एक-डेढ़ साल पहले भारती यहां कंप्यूटर सीखने के लिए आती थी, तब दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। 

पुलिस के हाथ लगे यह सबूत

पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि भारती मई महीने में अपने प्रेमी आशुतोष माहौर के साथ घर से भाग गई थी। वहीं, मृतक मनोट की कॉल डिटेल से पुलिस को यह भी पता चला कि 23 जुलाई को उसके पास आखिरी कॉल आशुतोष का ही आया था। वनखंड़ी रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी मृतक मनोज कौशल विकास केंद्र तक जाता हुआ दिखाई दिया था। इन सबूतों के आधार पर पुलिस ने आशुतोष माहौर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने मनोज की हत्या की बात भी कबूल कर ली।  

शराब पिलाई, पीटा, इंजेक्शन लगाए और फिर दवा दिया गला 

पूछताछ में आरोपी आशुतोष माहौर ने बताया कि कौशल विकास केंद्र के संचालक दीपक सेंगर, मुरैना निवासी लोकेश राठौर, अमन यादव, दीपक पलिया और आदित्य सिसोदिया के साथ मिलकर उसने 23 जुलाई को मनोज की हत्या की थी। इससे पहले आरोपियों ने उसे खूब शराब पिलाई और फिर नशे की हालत में उसे जमकर पीटा। इसके बाद 25-30 नींद की गोलियों को पीसकर पानी में मिलाया और पिर इस घोल को इंजेक्शन में भरकर मनोज की गर्दन, पेट, छाती और पसलियों में लगाया, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद मुंह में साफी ढूंसकर गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद रात में ही उसने शव को बोरे में बंद कर ट्राली में रखकर खिरावली गांव जाकर सड़क किनारे तालाब में फेंक दिया। मृतक मनोज 22 जुलाई से लापता था, अगले दिन 23 जुलाई को नूराबाद थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी भारती, आशुतोष और उसके पांच दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है।  

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