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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव का आगाज़, अनुच्छेद-370 हटने के बाद घाटी में पहली बार चुनाव

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बहुप्रतीक्षित चुनाव का आखिरकार एलान हो गया है जो तीन चरणों में होंगे। अनुच्छेद-370 हटने के बाद राज्य में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव भी कराने का एलान किया है, जो सिर्फ एक चरण में होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर होगा, जबकि हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान एक अक्टूबर होगा। दोनों राज्यों के नतीजे चार अक्टूबर को घोषित होंगे।

नामांकन 20 अगस्त से शुरू हो जाएगा

आयोग ने हाल ही में दोनों राज्यों का दौरा कर चुनावी तैयारियों को जांचा था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सहयोगी चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं डा. सुखवीर सिंह संधू की मौजूदगी में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर व हरियाणा विधानसभा चुनाव का एलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पहले चरण की 24 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन 20 अगस्त से शुरू हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

वहीं दूसरे चरण की 26 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन 29 अगस्त से और तीसरे चरण की 40 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पांच सितंबर से शुरू होगा। वहीं हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पांच सितंबर से शुरू होगा। आयोग ने सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। साथ ही चुनाव के दौरान प्रत्याशियों सहित राजनीतिक दलों के सभी पदाधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की जानकारी भी दी।

आयोग ने बताया कि राज्य के दौरे के दौरान राजनीतिक दलों ने यह मांग रखी थी। राजनीतिक लिहाज से देखें तो इन दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं। खासकर जम्मू-कश्मीर में तो विधानसभा चुनाव 2014 के बाद पहली बार होने जा रहे हैं। मौजूदा समय में राज्य में राष्ट्रपति शासन है।

नए सिरे से परिसीमन भी कराया

इससे पहले आयोग ने राज्य में विधानसभा सीटों को लेकर नए सिरे से परिसीमन भी कराया था। लिहाजा राज्य में विधानसभा की सीटें बढ़कर 90 हो गई हैं। राज्य के पुनर्गठन से पहले यहां विधानसभा की कुल 87 सीटें थीं, लेकिन लद्दाख-कारगिल के अलग होने से यहां विधानसभा की कुल 83 सीटें ही रह गई थीं। परिसीमन में यहां विधानसभा की सात नई सीटें बनी थीं।

राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 74 सीटें सामान्य हैं, जबकि एसटी के लिए नौ और एसटी के लिए सात सीटें आरक्षित हैं। यही नहीं, अब राज्य में विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा जो पहले छह वर्ष का होता था। वहीं, हरियाणा में पिछले दस वर्षों से भाजपा सत्ता में है। ऐसे में उसके सामने राज्य में सत्ता पर फिर से काबिज होना जहां एक बड़ी चुनौती है, वहीं बदले समीकरण में राज्य में कांग्रेस व आप जैसे दल भी मजबूती से मैदान में दिखने की जिद्दोजहद में जुटे हैं।

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने घाटी में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे

हाल में हुए लोकसभा चुनावों में जिस तरह जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं में उत्साह दिखा और दशकों का रिकार्ड टूटा, उसके बाद उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा चुनाव रोचक होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने घाटी में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, ऐसे में यह देखना भी रोचक होगा कि विधानसभा में भाजपा क्या रणनीति अपनाती है।

महाराष्ट्र में बाद में कराए जाएंगे चुनाव

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव दीपावली के बाद कराए जाने के संकेत देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की जरूरत भी इसका एक कारण है। साथ ही कहा, महाराष्ट्र में जबर्दस्त वर्षा हुई है और बीएलओ को अपना काम पूरा करना है। कई त्योहार भी हैं, जिन्हें ध्यान में रखना है। गणेश उत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, दीपावली, इन सभी को ध्यान में रखकर हमने सोचा कि हम एक साथ दो चुनाव ही संभाल सकते हैं।

सीईसी बोले, थ्री जेंटलमेन आर बैक

चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस की शुरुआत में राजीव कुमार ने साथी चुनाव आयुक्तों परिचय कराया और हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, थ्री जेंटलमेन आर बैक। उनका यह कथन लोकसभा चुनाव के दौरान प्रसारित एक लोकप्रिय मीम का जवाब माना जा रहा है जिसमें तीनों को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के बीच लापता जेंटलमेन कहा गया था।

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