रायपुर.
रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में 17वें ’दिव्य कला मेला’ का शुभारंभ किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने रायपुर में जमीन मिलने पर दिव्यांगजन पार्क निर्माण कराने की घोषणा की, जिस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर में इस पार्क के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की। रायपुर में ‘‘दिव्य कला मेला‘‘ 16 अगस्त 2024 से 23 अगस्त 2024 तक आयोजित किया जाएगा। सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक आम जनता के लिए खुला रहेगा।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्य कला मेला, दिव्यांग भाई-बहनों के अद्वितीय कौशल और उद्यमशीलता का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत उन्हें प्रोत्साहित करने और आगे बढ़ाने की है। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि देश के सर्वांगीण विकास में दिव्यांगजनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सके। प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत का सपना तब ही पूर्ण हो पाएगा, जब हमारे दिव्यांग भाई-बहन आत्मनिर्भर और सशक्त बनेंगे। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में संचालित राज्य संसाधन केंद्र (सीआरसी) के नए भवन बनने के बाद वहां दिव्यांगजनों के लिए डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में भी ’दिव्य कला मेला’ का आयोजन किया जाएगा। इनके स्थान का निर्धारण मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मेले में लगभग 60 स्टॉल लगाए गए हैं। यहां आने वाले अन्य राज्यों के व्यंजनों का रसास्वादन कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों को पहले अनेक नामों से संबोधित किया जाता था, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें दिव्यांगजन का नाम दिया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों की 7 श्रेणियों को बढ़ाकर 21 श्रेणियां की गई है। शासकीय नौकरी में आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। शासकीय विद्यालयों और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में प्रवेश के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है। दिव्यांगजनों के लिए सुगम भारत अभियान के तहत शासकीय भवनों, रेल्वे स्टेशनों, एयरपोर्ट में रैम्प तथा अलग शौचालय बनाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने 16 से 22 अगस्त तक रायपुर में आयोजित दिव्य कला मेला को 23 अगस्त तक आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मेले में दिव्यांगजन उद्यमियों और कलाकारों आने-जाने, ठहरने और स्टॉल उपलब्ध कराने की निःशुल्क व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा दिव्यांगजनों को व्यवसाय हेतु रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम अंग भी प्रदान किए जाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 75 दिव्यांग विद्यार्थियों को नेशनल ओव्हरसीज स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। इस वर्ष इसके लिए अब तक 25 आवेदन प्राप्त हुए है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि दिव्य कला मेला ने दिव्यांगजन की रचनात्मकता, कौशल, और सृजनशीलता को एक मंच प्रदान किया गया है, जिससे वे अपने उत्पादों को देश-विदेश में प्रदर्शित कर सकें। उन्होंने कहा कि दिव्य कला मेला के पिछले सफल आयोजनों ने न सिर्फ दिव्यांगजन की भागीदारी को बढ़ावा दिया है, बल्कि उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को भी सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से दिव्य कला मेले में अधिक से अधिक संख्या में आने और दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित उत्पादों को देखने, परखने और खरीदने का आग्रह किया, ताकि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में सहायता मिले।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेला दिव्यांगजन के लिए न सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम है, बल्कि सामाजिक समरसता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांगजन को रियायती ऋण की स्वीकृति में हुई बाधाओं को दूर करते हुए, आज 25 लोगों को ऋण स्वीकृति पत्र जारी करना एक नई शुरुआत का प्रतीक है। एनडीएफडीसी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था ने दिव्यांगजन के आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए इस मेले का आयोजन एक ऐतिहासिक अवसर है। जिसमें 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के दिव्यांग उद्यमी और कलाकार अपने उत्पाद लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रहे हैं। समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार दिव्य कला मेला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दिव्यांगजन यदि कुछ नया सोचते है तो राज्य सरकार उन्हें अपने सपने को साकार करने के लिए प्रोत्साहन देगी। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए 12 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री श्री वीरेन्द्र कुमार से छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजन पार्क का निर्माण कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति की नहीं प्रोत्साहन की जरूरत है। उनकी प्रतिभा को सामने लाने और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में आकांक्षा इंस्टिट्यूट के दिव्यांग विद्यार्थियों ने मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने इन विद्यार्थियों को पुरूस्कार स्वरूप 51 हजार रूपए की राशि का चेक प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने 4 दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्रायसाइकिल तथा एक दिव्यांग को ट्रायसाइकिल तथा 11 दिव्यांग हितग्राहियों को ट्रेक्टर, ई-रिक्शा क्रय, ट्रेक्टर ट्रॉली, मेडिकल स्टोर, रेडीमेट गारमेंट, किराया दुकान, सेंट्रींग प्लेट, टेंट हाउस व्यवसाय के लिए ऋण राशि के चेक वितरित किए। केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया। मेले में देश भर के दिव्यांग उद्यमियों कारीगरों के जम्मू और कश्मीर, पूर्वाेत्तर राज्यों सहित अनेक राज्यों के उत्पादों हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई का काम, राखियां, पैकेज्ड फूड, गृह सज्जा और जीवन शैली से संबंधित वस्तुएं, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, ऑर्गेनिक उत्पाद, खिलौने, पेंटिंग और उपहार, व्यक्तिगत सहायक उपकरण, आभूषण, क्लच वेग आदि उत्पाद प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग एवं नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन (एनडीएफडीसी) द्वारा रायपुर में दिव्य कला मेला आयोजित किया गया है। सामाजिक न्याय मंत्रालय के डीडीजी, श्री किशोर बाबूराव सुरवाडे ने स्वागत भाषण दिया। राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम के सीएमडी, श्री नवीन शाह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, बड़ी संख्या में दिव्यांगजन, विभिन्न संस्थाओं के विद्यार्थी और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।