राजनीतिक

कर्नाटक में सीएम बनने को तैयार…….डीके, शरणप्पा दर्शनपुर, सतीश जारकीहोली और एमबी पाटिल

नई दिल्ली । कर्नाटक में इन दिनों एक अजीबोगरीब सियासत देखने को मिल रही है। एक ओर जहां भ्रष्टाचार को लेकर सीएम सिद्धारमैया घिरे हुए हैं विपक्ष इस्तीफे की मांग कर रहा है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कई नेता खुले तौर पर राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर हुई खींचतान जारी है। लेकिन अब इस लिस्ट में कई नेताओं का नाम जुड़ गया है।
कर्नाटक के मंत्री शरणप्पा दर्शनपुर ने कहा कि अगर हाईकमान चाहेगा तब मैं सीएम बनूंगा। राज्य सरकार में लघु उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री ने कहा,  पार्टी में 136 विधायक हैं और सभी मंत्री बनने के योग्य हैं।  लेकिन जनादेश केवल 33 सदस्यों को मंत्री बनाने का है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि अन्य पात्र नहीं हैं। एक व्यक्ति को सीएम बनना है।  अगर हाईकमान मुझे सीएम बनने के लिए कहेगा तब मुझे कोई आपत्ति नहीं है स्थिति, मैं तैयार हूं। लेकिन मजेदार बात ये हैं कि शरणप्पा इकलौते कांग्रेसी नेता नहीं है जिन्होंने सीएम बनने की इच्छा जाहिर की हो। उनसे पहले भी कई नेताओं ने सीएम बनने को लेकर बयान दिए हैं।
इसी कड़ी में कांग्रेसी नेता सतीश जारकीहोली के समर्थक उन्हें राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने का अभियान चला रहे हैं। बेलागावी में सतीश के समर्थन में सोशल मीडिया से लेकर अखबारों के इश्तहारों तक प्रचार किया जा रहा है। बेलागावी में जारकीहोली के समर्थकों ने पद खाली होने पर उन्हें कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनाने की वकालत शुरु कर दी है। यह अभियान सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है। बल्कि प्रमुख अखबारों में विज्ञापन देकर उन्हें सीएम बनने की मांग हो रही है।
कर्नाटक के अखबारों में जारकीहोली को लेकर विज्ञापन दिए जा रहे हैं। रजनीश आचार्य फाउंडेशन द्वारा समर्थित अभियान में कहा गया है कि कई लोग बेलागावी को अपना पहला मुख्यमंत्री मिलने की कामना कर रहे हैं।  सतीश के समर्थक भी इस अभियान में बड़े पैमाने पर जुटे हैं।
वहीं कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल भी इस रेस में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी फैसला करती है, तब सीनियर या जूनियर का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि एक दिन मैं जरूर इस सीएम पद पर काबिज हो जाउंगा। फिलहाल ये पद खाली नहीं है।
बता दें कि कथित मुडा घोटाले समेत कई मामलों में सिद्धारमैया सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष लगातार उनपर इस्तीफे का दबाव बना रही है। विधानसभा में विपक्ष ने धरना तक दिया है। हालांकि, सिद्धारमैया अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button