छत्तीसगढराज्य

छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने की बड़ी घटनाएं, सीएम विष्णुदेव साय ने पांच प्वॉइंट्स में बताए बचने के उपाय

रायपुर/बलौदाबाजार.

छत्तीसगढ़ में पिछले चार-पांच दिनों से लगातार हल्की मध्यम और बारिश हो रही है। बरसात के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की घटनायें भी सामने आ रही हैं। बीते दिनों बलौदाबाजार जिले के मोहतरा गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सात ग्रामीणों की मौत हो गई थी। इस दुःखद घटना पर मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किये गये थे। जिस पर जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपए के मान से कुल 28 लाख रुपए दिए हैं।

दूसरी ओर आकाशीय बिजली गिरने से बचाव के लिये प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने पांच उपाय बताये हैं। जिसे अपनाकर व्यक्ति आकाशीय बिजली के प्रकोप से बच सकता है। इस संबंध में सीएम साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर लिखा कि 'प्रिय प्रदेशवासियों, विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि की दु:खद घटनाएं सामने आई हैं। बिजली गिरने से बचाव के लिए सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। जिला स्तर पर आकाशीय बिजली और वज्रपात से बचाव के लिए स्थानीय भाषा में सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन करने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। नगरीय निकायों, पंचायतों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय निकायों को भी विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है। बरसात के मौसम में तेज बिजली चमकने या बिजली गिरने की आशंका हो तो अपनी और अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बचाव और उपायों का पालन करें।'

महत्वपूर्ण बचाव और उपाय ————

0- बादलों की गरज के दौरान सुरक्षित स्थान पर रहें- घर के अंदर रहें और पेड़ों, बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रहें।
0- धातु की वस्तुओं से दूरी बनाए रखें- बरसात के समय धातु की चीजों को न छुएं, जैसे कि छाता, छड़, और तार क्योंकि यह बिजली को आकर्षित कर सकते हैं।
0- जलाशयों से दूर रहें- पानी में बिजली की संवेदनशीलता अधिक होती है जिस कारण वह आसानी से पानी में फैल सकती है। इसलिए तालाब, नदी, या स्विमिंग पूल से दूर रहें।
0- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें- बिजली गिरने के दौरान कंप्यूटर, फोन, टीवी, आदि अन्य उपकरणों का उपयोग करने से बचें साथ ही अपने उपकरणों में इंटरनेट को भी बंद रखे।
0- अभ्यस्त सुरक्षा स्थान- यदि आप बाहर हैं और कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, तो दोनों एड़ियों को आपस में मिलाकर कर उखडू बैठें और अपने कानों को ढक लें।

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