राजनीतिक

मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र पर आपकी प्रतिक्रिया बचकानी और सतही है – जयराम रमेश का नड्डा को पत्र

नई दिल्ली । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेताओं के विवादास्पद बयानों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की चिट्ठी पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पलटवार किया।
अब, जेपी नड्डा के खत पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने चिट्ठी लिखकर जवाब दिया है। जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता की जान को खतरे जैसे गंभीर मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत परेशान करने वाली है। यह कभी मत भूलिए कि महात्मा गांधी की दुखद हत्या से बहुत पहले, आपके वैचारिक पूर्वजों ने बापू के खिलाफ हिंसा और नफरत का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यह चिट्ठी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर की। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा, प्रिय नड्डा जी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस बात से न सिर्फ आश्चर्यचकित है बल्कि चिंतित भी है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखित पत्र आपके पास प्रतिक्रिया के लिए भेजा गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता की जान को खतरे जैसे गंभीर मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत परेशान करने वाली है। मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र पर आपकी प्रतिक्रिया बचकानी और सतही है। यह राहुल गांधी के जीवन पर मंडरा रहे गंभीर खतरों से ध्यान भटकाने की शर्मनाक कोशिश है। जिस पार्टी के नेताओं ने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, उस कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र देने से पहले आपको अपनी पार्टी और उसकी विचारधारा पर गौर करना चाहिए। यह कभी मत भूलिए कि महात्मा गांधी की दुखद हत्या से बहुत पहले, आपके वैचारिक पूर्वजों ने बापू के खिलाफ हिंसा और नफरत का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
जयराम रमेश ने आगे लिखा, कांग्रेस पार्टी, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे महान नेताओं के नेतृत्व में हमेशा भारत की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करती रही है। यह प्रतिबद्धता आज भी मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कायम है, जिन्होंने आपके नेताओं के विपरीत, हमेशा पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के न्याय के लिए आवाज उठाई है। वहीं, भाजपा ने सस्ती राजनीति में महारत हासिल कर ली है- नफरत और ध्रुवीकरण का उपयोग करके अपनी सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाया है।
उन्होंने भाजपा को भी निशाने पर लेते हुए लिखा, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के बारे में ऐसे घृणित बयान दिए हैं, जब खुद प्रधानमंत्री अपने चुनावी अभियानों में विभाजनकारी बयानबाजी, धार्मिक ध्रुवीकरण और सस्ती बयानबाजी का उदाहरण पेश करते हैं। हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह ओछी राजनीति से ऊपर उठें, अपनी पार्टी के नेताओं की हरकतों की निंदा करें, और एक सख्त उदाहरण पेश करें। अन्यथा, आपकी चुप्पी उन तत्वों को और बढ़ावा देती है जो देश की शांति को भंग करने और नेता विपक्ष को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरा विश्व देख रहा है कि भारत की सत्ताधारी पार्टी किस तरह से विपक्ष के नेता की जान को खतरे में डाल रही है।

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