छत्तीसगढराज्य

छत्तीसगढ़-कोरबा के कन्या आश्रम पर आदिवासी विकास विभाग सख्त, बच्चियों के चक्कर खाकर गिरने पर माँगा जवाब

कोरबा.

वनांचल ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के 50 सीटर प्राथमिक स्तर अजजा कन्या आश्रम कटोरीनगोई में अध्ययनरत तीन बच्चियों की चक्कर खाकर गिरने एवं घटना  के बाद बच्चियों के तत्काल उपचार कराने, उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना देने में विफल अधीक्षिका के खिलाफ अब आदिवासी विकास विभाग के कड़ा रुख अपनाया है।

घटना के बाद बीमार बच्चियों को अस्पताल में अधिकारियों की देखरेख में उपचार कराने के बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने महिला अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रकरण के संदर्भ में तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है , संतोषप्रद जवाब नहीं पाए जाने पर अधीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर द्वारा 50 सीटर प्राथमिक स्तर अजजा कन्या आश्रम कटोरीनगोई की महिला अधीक्षक सुगंधी भगत को जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लेख किया है कि दिनांक एक अक्तूबर मंगलवार की दोपहर आश्रम के 19 बच्चियों का स्वास्थ्य खराब होने के फलस्वरूप उन्हें प्राथमिक  स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में भर्ती कराया गया है, जिसकी सूचना उन्हें अन्य माध्यम से प्राप्त हुई। इस संबंध में सहायक आयुक्त/नोडल अधीक्षक/कलस्टर अधीक्षक को घटना के अवगत नहीं कराया गया। सहायक आयुक्त घटना दिवस को रात्रि 11 बजे प्राथमिक  स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां उन्हें बच्चियों ने बताया कि शाला समयावधि में दोपहर 2 बजे 02-03 बच्चियां चक्कर खाकर स्कूल में ही गिर गई थीं, परंतु बतौर अधीक्षिका आपके द्वारा  घटना को गंभीरता से नहीं लेते हुए बच्चियों के तत्कालिक उपचार नहीं कराया गया, जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई। सहायक आयुक्त कसेर ने तीन दिन के भीतर उनके समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना सुनिश्चित करने की बात कही है। जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस गंभीर लापरवाही भरे प्रकरण में जिम्मदारों पर कार्यवाही तय मानी जा रही है। साथ ही घटना के बाद जिले के सभी 180 से अधिक आश्रम छात्रावासों में अधिक निगरानी एवं निरीक्षण की आवश्यकता बन आई है, ताकि ऐसे घटनाओं की पुनरावत्ति न हो।

गौरतलब हो पखवाड़े भर पूर्व विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने आश्रम छात्रावासों में अधीक्षक की उपस्थिति को अनिवार्य बताते हुए उनकी समस्याओं को भी ध्यान से सुना था। साथ निकट भविष्य में समाधान की दिशा में उचित पहल किए जाने की बात कही थी। इसके बाद महिला अधीक्षक की कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही का यह पहला मामला सामने आया है, जिसके बाद विभाग ने यह कार्रवाई की है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के श्रीकांत कसेर ने बताया कि नोटिस जारी किया है आश्रम-छत्रावासों के बच्चों सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति विभाग पूरी संजीदगी से कार्य कर रहा है। कटोरीनगोई  के प्रकरण में महिला अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। संतोषप्रद जवाब नहीं पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। फूड पायजनिंग से बच्चियों के बीमार होने की बात मनगढंत, अपुष्ट है, चिकित्सक ने ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है। ब्लड टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है।

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