पुलिस लाइन में हुआ बलवा, युवक की मौत से गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव
भोपाल। राजधानी में हुए एक सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद उसके परिवार सहित आसपास के लोग भड़क गए। पीड़ीत परिवार को मुआवजे की मांग करते हुए गुस्साई भीड़ ने हंगामा करना शुरु कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस की समझाइश को नजर अदांज कर भड़की भीड़ ने तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज के साथ ही फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे। नजारा था, भोपाल के नेहरु नगर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित बलवा मॉक ड्रिल का। इन दिनो त्यौहारो के चलते पुलिस ड्रिल के जरिए अपनी तैयारियों को परख रही थी। जानकारी के अनुसार पुलिस उपायुक्त श्रद्धा तिवारी की अगुवाई में पुलिस लाइन में बलवा ड्रिल का आयोजन किया गया है। इस ड्रिल में एडीसीपी से लेकर आरक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। इस ड्रिल का उददेश्य था की यदि किसी हादसे में मौत हो जाने के बाद लोग भड़क जाएं तो ऐसकी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को क्या करना चाहिए। ड्रिल के दौरान कुछ पुलिस कर्मी मृतक के परिजन बने वहीं बाकी पुलिस की यूनिफार्म में रहे। ड्रिल के दौरान गुस्साये लोगो ने पहले तो नारेबाजी की और बाद में गुस्सा बढ़ने पर पत्थरबाजी व तोड़फोड़ पर उतारु हो गए। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पहले तो उन्हें समझाइश देने की कोशिश करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस अधिकारियों की बात की अनदेखी करते हुए पुलिस पर ही पथराव करना शुरु कर दिया। इससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले छोड़े तब भी प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे, हल्का बल प्रयोग करते हुए बाद में लाठियां भांजना शुरू कर दिया। इसके बाद भी जब बेकाबू भीड़ काबू में नहीं आई तब पुलिस ने मजिस्ट्रेट के आदेश उपरांत फायर किए गए, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस दौरान जो लोग घायल हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बलवा ड्रिल परेड को लेकर पुलिस उपायुक्त श्रद्धा तिवारी ने सभी जवानों को संबोधित करते हुए बलवा ड्रिल परेड का महत्व बताया। साथ ही कानून व्यवस्था के दौरान विपरित परिस्थितियों में क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए एवं पुलिस जवानों की जिम्मेदारी होती है। इस संबध में भी मार्गदर्शन दिया। मॉक ड्रिल में थानों सहित यातायात का बल, रक्षित केंद्र के अधिकारी, कर्मचारियों सहित करीब 300 पुलिस जवानों ने भाग लिया।