डीमैट खाते के नियमों में देरी का असर, इक्विटी म्यूचुअल फंड में 10% की कमी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों के डीमैट खातों में प्रतिभूतियों के सीधे भुगतान को जरूरी बनाने से जुड़े दिशानिर्देशों को लागू करने की समयसीमा 11 नवंबर तक बढ़ा दी। यह नियम मूल रूप से 14 अक्तूबर से प्रभावी होना था।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 10% घटा
इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में सितंबर में 34,419 करोड़ रुपये निवेश आया, जो अगस्त की तुलना में 10 फीसदी कम है। एम्फी मुताबिक, सितंबर में इक्विटी कोषों में शुद्ध प्रवाह का लगातार 43वां महीना रहा है।
त्योहारों से पहले केंद्र ने राज्यों को दिए 1,78,173 करोड़ रुपये, यूपी को सबसे अधिक
केंद्र सरकार ने आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को 1,78,173 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसमें अक्तूबर 2024 में देय नियमित किस्त के अलावा एक अग्रिम किस्त भी शामिल है। इससे राज्यों के पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी और उनके विकास,कल्याण संबंधी खर्च में मदद होगी। केंद्र की ओर से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश को 31,962 करोड़ रुपये दिये गए। इसके बाद बिहार को 17,921 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 13,987 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 13,404 करोड़ रुपये जारी किये गए। यह हस्तांतरण राज्यों को वित्तीय संसाधनों का निरंतर प्रवाह बनाए रखने पर केंद्र सरकार के फोकस को दर्शाता है। मंत्रालय का यह निर्णय वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में मेघालय को 1,367 करोड़ रुपये, त्रिपुरा को 1,261 करोड़ रुपये और मणिपुर को 1,276 करोड़ रुपये मिले। चूंकि भारत वैश्विक आर्थिक गतिशीलता की जटिलताओं से जूझ रहा है, इसलिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्र सरकार का ध्यान महत्वपूर्ण है।
टाटा समूह के शेयरों में 10 फीसदी तक तेजी, केमिकल्स में सर्वाधिक
टाटा समूह की कंपनियों के शेयर में बृहस्पतिवार को दिन के कारोबार में 10 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली। टाटा केमिकल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के शेयरों ने सबसे अधिक बढ़त दर्ज की। हालांकि, बाद में बढ़त कम हो गई। बीएसई पर टाटा इन्वेस्टमेंट्स का शेयर 5.71 फीसदी चढ़कर 6,924.40 पर बंद हुआ। टाटा केमिकल्स 4.07 फीसदी, टाटा टेक्नोलॉजीज 1.49 फीसदी और टाटा स्टील 0.41 फीसदी बढ़त में बंद हुए। टीसीएस 0.56 फीसदी गिरकर 4,228.4 पर बंद हुआ।
यूपीआई का बाजार में दबदबा, पहली छमाही में लेनदेन की संख्या 52 फीसदी बढ़कर 78.9 अरब
देश में यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन की संख्या इस साल के पहले छह महीनों (जनवरी-जून) में सालाना आधार पर 52 फीसदी बढ़कर 78.97 अरब पहुंच गई है। 2023 की समान छमाही में यह आंकड़ा 51.9 अरब डॉलर था। वर्ल्डलाइन की ओर से बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-जून, 2024 के दौरान देश में यूपीआई के जरिये कुल 116.63 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में किए गए 83.16 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन से 40 फीसदी ज्यादा है।
टिकट साइज में 8% गिरावट
इस साल की पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन के औसत टिकट आकार (प्रति लेनदेन मूल्य) में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई। औसत टिकट आकार पिछले साल की पहली छमाही में 1,603 रुपये था, जबकि जनवरी-जून, 2024 में घटकर 1,478 रुपये रह गया। फोनपे अग्रणी मंच, गूगलपे दूसरे स्थान पर ः यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों के लिहाज से फोनपे अग्रणी यूपीआई मंच के तौर पर सामने आया है। गूगलपे दूसरे और पेटीएम तीसरे स्थान पर रहा।
ये हैं शीर्ष-5 लाभार्थी बैंक
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई लेनदेन के जरिये जिन पांच बैंकों में सर्वाधिक पैसा आया, उनमें यस बैंक, एसबीआई, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक व आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।