भूतपूर्व सैनिकों का मान-सम्मान: सीएम यादव ने कहा… पीएम मोदी के नेतृत्व में बढ़ा सेना का मनोबल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में सशस्त्र बलों और सैनिकों के सम्मान और कल्याण में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को 3-ईएमई में भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान कार्यक्रम और रैली में शामिल हुए। कार्यक्रम में 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री मंच से उतर कर जवानों से मिले। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश के सेवा क्षेत्र का मनोबल उच्च स्तर पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सेना को अत्याधुनिक हथियारों और नवीनतम तकनीक से लैस किया जा रहा है, जिससे देश की रक्षा और सैन्य क्षमताओं में व्यापक सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने भारत की सेना को स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विदेशी हथियारों पर निर्भरता को कम किया है। अब भारत सिर्फ युद्ध का जवाब नहीं देता, बल्कि दुश्मनों पर हमला कर उनके घर में घुसकर मारता है।
सैनिक कल्याण के लिए मध्यप्रदेश की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में अग्रणी है और सेवारत तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध और सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। साथ ही, शहीदों के आश्रितों को शासकीय सेवाओं में विशेष नियुक्ति भी दी जाती है। सहायता राशि का आधा हिस्सा शहीद की पत्नी को और शेष माता-पिता को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक पेंशन को 10 हजार रुपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि 51 हजार रुपये कर दी गई है।
पेंशन बढ़ाकर 15 हजार रुपए की
मध्यप्रदेश सरकार द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों और उनकी पत्नियों की पेंशन को बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह कर चुकी है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार सम्मान निधि के तहत ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में सेवा दे रही है, उन्हें 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष दे रही है। विभिन्न शौर्य और विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों को राज्य द्वारा सम्मान राशि प्रदान की जाती है।
पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजी पाठ्यक्रम में आरक्षण
मध्यप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में आरक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही, सरकारी नौकरियों में ग्रुप सी और डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण प्रदान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों को भूमि प्राप्ति में भी आरक्षण की सुविधा दी जा रही है।
प्रदेश ने देश को तीन अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र दिए
इस सम्मान समारोह में भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का वीरता और साहस का इतिहास बेहद समृद्ध है। राज्य ने देश को 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कार दिए हैं। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की और कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रीतपाल सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सकारात्मक सोच और सैनिक कल्याण के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की।