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RIMS हॉस्टल में नियम तोड़कर डॉ. आकाश से मिली पल्लवी, चिकित्सक की मौत को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

रिम्स के पीजी छात्र डॉ. आकाश भेंगरा और उसके साथ हॉस्टल की छत से कूदने वाली महिला पल्लवी के बीच मुंहबोले भाई-बहन का रिश्ता होने की बात सामने आई है।

चुटिया निवासी पल्लवी शादीशुदा है और उनके पति शशि रंजन पलामू सीएचसी में डॉक्टर हैं, पल्लवी के हॉस्टल आने व यहां कूदने की घटना को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।

पल्लवी और आकाश भेंगरा स्कूल के समय से ही एक दूसरे को जानते थे। जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि आकाश को पल्लवी राखी बांधा करती थी, इसलिए जिस तरह का लव ट्रायंगल की बात सामने आ रही है, वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। पल्लवी, उसके पति व आकाश के बीच दोस्ताना संबंध था।

इस तरह के अफवाहों से सभी को बचने की सलाह दी गई। हालांकि, कोई भी यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि देर रात आखिर पल्लवी आकाश के साथ ब्वायज हास्टल की छत पर क्या कर रही थी और आखिर किस तरह दोनों नीचे गिरे या फिर कूदें।

फिलहाल पुलिस इसकी पूरी छानबीन कर रही है और आकाश के हास्टल नंबर चार के रूम को सील कर दिया गया है। बहरहाल, पूरे मामले की गहराई से जांच कराने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है।

डीन डॉ. शशि बाला सिंह की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई है। जांच सदस्यीय टीम में शशि बाला सिंह के अलावा डॉ. शिव प्रिये, डॉ. लखन मांझी, डॉ. सनंदा झा और डॉ. तुसार को शामिल किया गया है। 

सीसीटीवी में दिखी पल्लवी हॉस्टल में आते हुए

ब्वायज हास्टल में पल्लवी के हॉस्टल के अंदर आते हुए फुटेज कैद हुआ है। वह हास्टल नंबर चार में रविवार की रात प्रवेश करती है।

जिसके बाद रात करीब 11 बजे हास्टल के बिजली बोर्ड में आग लगने की घटना भी होती है, जिसे बुझाने के लिए छात्र एकत्रित भी होते हैं, लेकिन फायर फाइटिंग की बदहाल स्थिति में यह संभव नहीं हो पाता है।

इसी बीच रात करीब 11.30 बजे कुछ गिरने की आवाज आती है, जिसके बाद सभी छात्र हॉस्टल के पीछे पहुंचे जहां दोनों को गंभीर स्थिति पाया गया और उसे रिम्स के इमरजेंसी में ले जाया गया।

इसके बाद हॉस्टल के छात्र इमरजेंसी में एकजुट होने लगे, लेकिन आकाश को नहीं बचाया जा सका। जबकि पल्लवी का इलाज क्रिटिकल केयर में चल रहा है। जहां बताया जा रहा है कि उसके पीठ व हाथ में फ्रेक्चर है। जिसकी सर्जरी सोमवार को की गई।

डॉ. आकाश के ब्रेन की चोट का चल रहा था इलाज

करीब दो माह पहले पतरातू घाटी में हुए सड़क दुर्घटना में डॉ. आकाश भेंगरा के सिर पर गंभीर चोट लगी थी। जिसके बाद उसे भुलने जैसी बीमारी का दौरा भी पड़ता था।

हालांकि, उनका इलाज चल रहा था और वह ठीक भी हो रहे थे। उनके साथी बताते हैं कि दुर्घटना के बाद काफी दिनों तक उसका बेड पर ही इलाज चला, लेकिन बाद में वह खुद को रिकवर कर रहे थे। लेकिन, रविवार की रात को हुए हादसे को इस ब्रेन की बीमारी से अलग रखा जा रहा है।

मेडिकल बोर्ड की निगरानी में हुआ पोस्टमार्टम

जिला प्रशासन की अनुमति के बाद डॉ. आकाश के शव का मेडिकल बोर्ड की निगरानी में पोस्टमार्टम किया गया। मेडिकल बोर्ड की टीम में फोरेंसिक विभाग के हेड, मेडिसिन विभाग के एसआर, पैथोलाजी विभाग के एसिस्टेंट प्रोफेसर और सर्जरी विभाग के एसआर शाामिल थे।

पोस्टमार्टम में बताया गया कि डॉ. आकाश के छत से गिरने के बाद उसके हर अंग में अत्यधिक अंदरूनी रक्तस्राव हुआ, जिससे उसकी मौत हुई।

डॉ. आकाश जब छत से नीचे कूदे तो जमीन पर पुराना कंक्रीट का स्लैब रखा हुआ था जिसपर आकाश गिरा और गंभीर चोट आई। जबकि, पल्लवी स्लैब के बगल में मिट्टी पर गिरी, जिससे उसे गंभीर चोट नहीं आई।

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