इज्तिमा के पहले दिन होंगे निकाह, फॉर्म मसाजिद कमेटी में होंगे जमा, जानिए क्या है व्यवस्था
भोपाल । इस्लामी तरीके और पैगंबर के बताए रास्तों के लिहाज से महंगी शादियों से किनारा करने की बात कही गई है। बड़े मजमे में लाखों लोगों की दुआओं के बीच निकाह की परम्परा को पूरा करने इस साल भी आलमी तबलीगी इज्तिमा के पंडाल में सामूहिक निकाह का आयोजन होगा। इज्तिमा आयोजन के पहले दिन 29 नवंबर को होने वाली इस प्रक्रिया के लिए मसाजिद कमेटी में जमा किए जाएंगे आलमी तबलीगी इज्तिमा के करीब 77 बरस के इतिहास में हर साल सामूहिक निकाह का रिवाज भी कायम है। देश विदेश से आए उलेमा और लाखों जमातियों की मौजूदगी में होने वाले इन निकाह में दुआओं के शामिल होने की मंशा भी शामिल होती है। आमतौर पर मुहल्ले के निकाहख्वाह या काजी अथवा मुफ्ती के हाथों होने वाली निकाह प्रक्रिया की बजाए तबलीगी जमात के बड़े बुजुर्गों के हाथों यह काम होना भी लोगों के लिए ललक का विषय होता है।
न सेहरा, न शहनाई
इज्तिमा के दौरान होने वाले निकाह से सादगी भरी शादी का संदेश देना अहम होता है। बिना सेहरा, शहनाई या किसी तामझाम के दूल्हा इज्तिमागाह पहुंचते हैं। उनके परिजन साथ होते हैं। जबकि दुल्हन अपने घर से ही निकाहनामा पर दस्तखत की फॉर्मेलिटी पूरी कर देती हैं।
ऐसी होगी प्रक्रिया
इज्तिमा में निकाह करने वाले लोगों को अपने क्षेत्र के निकाहख्वाह से कागजी खानापूर्ति कराना होगी। इन दस्तावेजों को मसाजिद कमेटी दफ्तर में जमा करना होगा। इसके अलावा इन दस्तावेजों की एक प्रति तबलीगी जमात के मरकज मस्जिद शकूर खान पर जमा कराना होगा। गौरतलब है कि इज्तिमा के दौरान होने वाले निकाह की तादाद 500 तक पहुंच जाती है।
29 से शुरुआत, 2 को दुआ
आलमी तबलीगी इज्तिमा का आयोजन 4 दिन का होगा। जिसकी शुरुआत 29 नवंबर को होगी। उलेमाओं की तकरीरों वाले इस आयोजन के पहले दिन इज्तिमगाह पर जुमा की नमाज भी होगी, जिसमें लाखों नमाजी शामिल होंगे। इज्तिमा का समापन 2 दिसंबर को दुआ ए खास के साथ होगा।