एनएसयूआई का आरोप : गुटीय राजनीति का शिकार बना रहे हैं छात्राओं को
डीईओ, बीईओ और बीआरसी के लापरवाही के चलते 80 किमी दूर सुकमा पहुंचे छात्राएं – कृष्णा
सुकमा। दो गुट की राजनीति मे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कोंटा की छात्राओं का शामिल होना जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी एवं खंड स्त्रोत समन्वयक की लापरवाही का नतीज़ा है। 35 छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कोंटा से 80 किमी दूर जिला मुख्यालय आकर कलेक्टर से शिकायत करना चिंतनीय है। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष कृष्णा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आदिवासी छात्रों को गुमराह कर राजनीतिक संरक्षण लेकर इस तरह सुनियोजित तरीके से बच्चों को शिकायत करने भेजना और जिला के जिम्मेवार जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी आख मूँद तमाशा देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। इन बच्चों को प्रेरित या दबाव बना कर सुकमा भेजा गया। अगर उस बीच उन बच्चों के साथ कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता। कोंटा बीआरसी अपने राजनैतिक परिवार का फायदा उठाकर इस तरह के निर्णय लेने से नहीं डर रहे हैं, खुलेआम आदिवासी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जल्द उन लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए जो कस्तूरबा गाँधी आश्रम कोंटा से सुकमा जाने के लिए बच्चों को अनुमति दिया था। साथ ही दोनों अधीक्षक को इस संस्था बाहर करना चाहिए। कोंटा ब्लॉक मे जो अधिकारी कार्यरत हैं उन्हें आदिवासी बच्चों के भविष्य का कोई सरोकार नहीं है आदिवासी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।