दिवाली, छठ-पूजा पर घर जाने प्लेटफॉर्म पर उमड़ रही यात्रियों की भीड़
नई दिल्ली। दीपावली और छठ-पूजा घर पर मनाने के लिए सोमवार को प्रदेश सहित उत्तर भारत के ज्यादातर स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। मुंबई, पुणे, सूरत, दिल्ली और दक्षिण की तरफ से यूपी, बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ उमड़ रही है। त्यौहार को देखते हुए रेल विभाग ने कुछ शहरों के लिए स्पेशल रेलगाडि़यां भी संचालित की है। इंदौर में सबसे ज्यादा भीड़, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की ट्रेनों में नजर आ रही है।आलम यह था कि यात्री सफर करने के लिए गेट पर लटकओ और टॉयलेट में बैठकर यात्रा करते नजर आए। कई ट्रेनों में तो जनरल कोचों में कपड़े का झूला बनाकर लोग 1500, 2500 किलोमीटर की यात्रा करने को मजबूर हैं। रेलवे प्लेटफॉर्म पर उमड़े यात्रियों के हुजूम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि त्योहारों में आज भी रेलवे के इंतजाम नाकाफी हैं। भोपाल, जबलपुर, इंदौर, नर्मदापुरम, इटारसी से लेकर प्रदेश के छोटे-छोटे स्टेशनों पर भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है और रेलवे मूक दर्शक बना देख रहा है। इस साल दिवाली और छठ पूजा के लिए भारतीय रेलवे पुणे, मुंबई, गुजरात से बिहार जाने वाली 150 से ज्यादा ट्रेनें चला रहा है। बावजूद ट्रेनों में भीड़ कम नहीं हो रही है। यही हालात देश भर में दिल्ली, गाजियाबाद से चलने वाली ट्रेनों में भी भारी भीड़ देखी जा रही है। यात्रियों ने बताया कि वे किसी भी तरह से जैसे-तैसे घर पहुंचना चाहते हैं। सोमवार को यात्री अपने गंतव्य तक जाने के लिए देर रात तक ट्रेनों का इंतजार करते रहे। भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की बात हो या मुख्य स्टेशन की। यहां यात्री प्लेटफॉर्म से लेकर स्टेशन के बाहर तक अपनी ट्रेन का इंतजार करते देखे गए।
स्टेशन के बाहर भी डेरा जमाए हैं मजदूर
जबलपुर, भोपाल, इंदौर स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में बाहर से आने वाले श्रमिक वर्गों का डेरा जमा हुआ है। अपने कार्य व मजदूरी के लिए अन्य राज्यों व में जाने वाला श्रमिक वर्ग बड़ी संख्या में दीपावली के मौके पर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहा है। पैसिंजर और स्पेशल ट्रेनों के फुल होने के कारण यात्रियों को रिजर्वेशन तो छोड़ो जनरल बोगी तक में बैठने की जगह नहीं मिल पा रही। जिसके चलते यात्री स्टेशन को ही अपनी पनाहगार बनाए हुए हैं और देर रात गुजरने वाली ट्रेनों में अपनी सुविधा के हिसाब से सफर कर रहे हैं।
स्लीपर कोचों की हालत जनरल जैसी
इन दिनों स्लीपर कोचों की हालत भी जनरल कोचों जैसी हो गई है। भोपाल स्टेशन पर यात्री रमेश सिंह ने बताया कि वे मंडीदीप में एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर हैं और दीपावली तथा छठ-पूजा मनाने अपने गृह शहर बक्सर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुझे रिजर्वेशन कंफर्म टिकट नहीं मिला है। जिस कारण जनरल कोच में बैठकर जाने स्टेशन पहुंचा हूं और ऐसी ट्रेन का इंतजार कर रहा हूं, जिसमें पैर रखने की भी जगह मिल जाए तो मैं उसमें सवार हो जाउंगा। मैं दोपहर 1 बजे से ट्रेन के इंतजार में हूं, लेकिन जो भी ट्रेन अब तक निकली हैं, पैर रखने की जगह नहीं थी इसीलिए अब मैंने दो या तीन ट्रेन बदलकर अपने घर तक पहुंचने का मन बनाया है।