धर्म

यहां है दुनिया में न्याय का सबसे बड़ा मंदिर, सब हारने के बाद लोग पहुंचते हैं इस खास जगह

अल्मोड़ा जिले के चितई नामक जगह पर स्थित गोलू देवता का मंदिर देश में न्याय के देवता के मंदिर के तौर पर प्रसिद्ध है. मान्यता यह है कि जिसको अदालतों से न्याय नहीं मिल पाता है उसे गोलू देवता के दरबार में न्याय मिलता है. यही कारण है कि हर साल लाखों की संख्या में यहां फरियादी पहुंचते हैं और मन्नतें मांगते हैं. श्रद्धालु अपनी फरियाद को यहां अर्जी के रूप में लिखकर मंदिर में टांग जाते हैं. जब आपको दुनिया के कहीं भी न्याय ना मिले और आपके जीवन में कष्टों के अलावा भी कुछ ना हो तब आपको अल्मोडा स्थित चितई गोलू जी देवता के मंदिर में अपनी अर्जी लेकर पहुंच जाना चाहिए. और जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाये तो आपको यहां बापस जाकर गोल्ज्यू महाराज को धन्यवाद देते हुए एक घंटी अवश्य चढ़ा देनी चाहिए.

न्याय के देवता है गोलू देवता : मंदिर को गॉड ऑफ जस्टिस के नाम से भी जाना जाता है. लोग यहां पर एफिडेविट के साथ अपनी फरियाद लेकर आते हैं. मन्नत पूरी होने के बाद यहां पर भगवान गोलू देवता को घंटी चढ़ाई जाती है. ऐसा नहीं है कि छोटी बड़ी घंटी का महत्व अलग है. आपकी जैसी श्रद्धा हो आप वैसा भाव भगवान को दिखा सकते है. हर साल यहां पर देश के अलग अलग हिस्सों से लोग दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर को घंटियों वाला मंदिर भी कहा जाता है. नए-नवेले जोड़े भी इस मंदिर में माथा टेकने आते हैं.
नामुमकिन है इस मंदिर की घंटियों को गिनना गोलू देवता चंद राजा बहादुर शासन काल में सेवा में जनरल थे. जिन्होंने एक लड़ाई में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. उन्हीं के सम्मान में इस स्थान की स्थापना की गई थी. 12वीं शताब्दी में चंद्रवंश के सेनापति ने इस मंदिर का निर्माण करवाया. हालांकि, इस बात का प्रमाण आज भी किसी के पास नहीं है कि यह मंदिर कब और कैसे बना. इसे किसने बनवाया इसे लेकर भी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. मंदिर में मौजूद भगवान गोलू देवता को भगवान शिव और विष्णु का अवतार भी माना जाता है. इतनी अधिक संख्या में भक्तों की भीड़, चिट्ठी और घंटियां देखकर यह साफ है की कोई ना कोई दिव्य शक्ति इस स्थान पर जरूर है. ये दिव्य शक्ति यहां आने वाले हर इंसान की मनोकामना पूरी करती है. साथ ही उसे न्याय दिलाने का काम करती है.
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button