गर्लफ्रेंड के लिए फरार दुर्योधन की खली हाथी उत्सव में कमी, प्रशिक्षित कुमकी हाथी दुर्योधन नही आया नज़र…
गर्लफ्रेंड के लिए फरार दुर्योधन की खली हाथी उत्सव में कमी, प्रशिक्षित कुमकी हाथी दुर्योधन नही आया नज़र
OFFICE DESK :- सूरजपुर जिले के रमकोला स्थित हाथी राहत व पुर्नवास केंद्र में शनिवार को विश्व हाथी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रशिक्षित कुमकी हाथी दुर्योधन नजर नहीं आया।
पिछले वर्ष तक के कार्यक्रम में वह अन्य हाथियों के साथ सजा-धजा शांत खड़ा रहता था लेकिन वह वन विभाग का साथ छोड़कर चला गया है। 17 जंगली हाथियों के दल के साथ वह जंगल में स्वच्छंद विचरण कर रहा है।
उसकी अनुपस्थिति में ही संपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ। हाथी राहत एवं पुर्नवास केंन्द्र रमकोला के हाथियों को आकर्षक रूप से सजाकर पूजा – अर्चना किया गया। हाथियों को रुचिकर भोजन कराया गया। हाथी राहत व पुनर्वास केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में जागरूकता रैली निकाली गई।
चित्रकला व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी शिवभजन मरावी ने कहा कि हाथियों के संरक्षण के लिये सभी को मिलकर पहल करने की जरूरत है।
हाथियों के लिये जंगल को बचाकर रखना होगा जिससे उनका अस्तित्व प्रकृति में बचा रहें। विशिष्ट अतिथि शिवभजन मरावी ने कहा की हाथी अत्यंत शांत प्राणी होता है
परंतु मानव उसे उकसा कर उग्र बना देते है, हमें हाथियों को छेड़ कर उसे उकसाना नही चाहिए बल्कि बस्ती के आस पास हाथियों के आने पर शांत वातावरण रखना चाहिए। फील्ड डायरेक्टर एलीफेंट रिजर्व एवं वनसंरक्षक वन्यप्राणी केआर बढ़ई ने कहा छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों के समुचित प्रबंधन के लिये अनेक कार्य किए जा रहें है।
जंगलों में रहवास विकास करने से हाथी अब बड़े जंगलों की ओर जाने लगे है जिससे हाथी अधिक समय तक जंगलों के अंदर विचरण कर सकें, इस प्रयास से आबादी क्षेत्रों में हाथियों का प्रवेश करना कम होने लगा है।
कार्यक्रम में उपस्थित उप निदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा श्रीनिवास तन्नेटी ने कहा कि जंगली हाथी अत्यधिक बुद्धिमान प्राणी होता है। वह मानव के प्रत्येक व्यवहार को समझने की कोशिस करता है। जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिये विभिन्न प्रकार के नवाचार किये जा रहें है,
हमारे द्वारा किये जा रहें प्रयासों से हाथियों के पक्ष में जन माहौल बन रहा है और लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है।कार्यक्रम में संचालक गुरुघासीदास नेशनल पार्क सौरभ सिंह,प्रभात दुबे एवं अमलेंदु मिश्रा ने हाथियों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अधीक्षक तमोर पिंगला बीएस भगत ने किया।
अभी तक वापस नहीं लौटा है दुर्योधन
कर्नाटक के प्रशिक्षित पांच कुमकी हाथियों को छतीसगढ़ लाया गया है।इन्हें रमकोला हाथी राहत व पुर्नवास केंद्र में रखा गया है। इनमें से दुर्योधन नाम का कुमकी हाथी जंगली हाथियों के दल में शामिल हो गया है। लगभग 15 दिन से वह जंगली हाथियों के साथ ही घूम रहा है। अभी तक वह वापस नहीं लौटा है।
अधिकारी दावा कर रहे हैं कि दुर्योधन हाथी , कैंप के आसपास ही है लेकिन अभी तक वह वापस नहीं लौटा है। दुर्योधन को लेकर वन अधिकारियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। ज्यादा दिनों तक जंगली हाथियों के साथ रहने से उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल जाएगा इससे उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाएगी।
बता दें कि हाथी राहत व पुनर्वास केंद्र में अभी छह हाथी है। इनमें चार हाथी कर्नाटक से लाए गए प्रशिक्षित कुमकी हाथी है।इनमें दो हथिनी गर्भ से है।
इसके अलावा अचानकमार टाइगर रिजर्व में पकड़े गए एक हाथी तथा हाथी के एक बच्चे को भी यहीं रखा गया है। जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए कर्नाटक से प्रशिक्षित कुमकी हाथियों को लाया गया है।इस कार्य में बड़ी राशि खर्च की गई है।