विदेश

रूस ने चीन में पहली बार उतारा एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट  

बीजिंग । रूस ने चीन में शक्ति प्रदर्शन करते हुए पहली बार एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट को उतारा है। रूसी एसयू-57 विमान उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत के ताइयुआन एयरबेस पर लैंड हुआ। एसयू-57 को पहली बार नवंबर 2017 में दुबई एयरशो में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया गया था। हालांकि, इस एयरशो में एसयू-57 ने उड़ान नहीं भरी थी, बल्कि वह किसी मूर्ति की तरह सिर्फ खड़ा रहा। उस समय यह विमान का प्रोटोटाइप था और परीक्षण से गुजर रहा था। इस विमान ने पहली बार 2010 में उड़ान भरी थी। अभी तक यह पता नहीं चला है कि एसयू-57 लड़ाकू विमान 12 से 17 नवंबर 2024 तक होने वाले झुहाई एयरशो 2024 में उड़ान भरेगा या नहीं। अब तक एसयू-57 विमान ने रूस के बाहर किसी अंतरराष्ट्रीय एयर शो में अपनी उड़ानों का प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि, इसने 2019 और 2021 में मॉस्को के पास एमएकेएस एयर शो में अपनी उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। ताइयुआन में उतरते समय ली गई एसयू-57 की तस्वीर में बोर्ट नंबर 54 है, जो बताता है कि यह एक प्रोटोटाइप है जिसे संभवतः 2019 से पहले निर्मित किया गया था। बोर्ट 51 उन लड़ाकू विमानों में से एक था जिसने एमएकेएस 2019 में भाग लिया था और बोर्ट 57 एयर शो में स्थिर प्रदर्शन पर था। चीन पहुंचे एसयू-57 लड़ाकू विमान में एएल-41Fएफ1 इंजन लगा हुआ है, जो इसके प्रोटोटाइप की स्थिति के अनुकूल है। एसयू-57 के नए वेरिएंट में लड़ाकू विमान के स्टेट 2 पावरप्लांट, इज़डेलिये 30 इंजन द्वारा संचालित होने की उम्मीद है। रूसी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, इज़डेलिये 30 इंजन द्वारा संचालित एसयू-57 का सीरियल उत्पादन 2024 में शुरू होगा। इससे एसयू-57 लड़ाकू विमान को ज्यादा पावर मिलेगी और मेंटीनेंस पर भी कम खर्च होगा। 

रूसी एसयू-57 दे रहा चीनी मित्रता का संदेश
झुहाई एयरशो में एसयू-57 की भागीदारी का उद्देश्य रूस और चीन के बीच गहरे होते रक्षा संबंधों को रेखांकित करना और रूसी विरोधियों को रूस और चीन के बीच रक्षा सहयोग और प्रौद्योगिकी साझा करने के रणनीतिक निहितार्थों को समझाना है।  झुहाई एयरशो में एसयू-57 की संभावित भागीदारी का उद्देश्य नए खरीदारों को तलाशना नहीं है। वह सिर्फ यह दिखाना चाहता है कि रूस अपने दोस्त चीन के साथ रक्षा संबंधों को कितना महत्व दे रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सब जानते हैं कि एसयू-57  अभी परीक्षणों के दौर से गुजर रहा है और खुद रूसी वायु सेना ने इस विमान को अभी तक अपने बेड़े में शामिल नहीं किया है। ऐसे में कोई भी देश करोड़ों रुपयों के इस विमान को ऐसे ही खरीदना नहीं चाहेगा। 

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