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लाल निशान पर बंद हुआ शेयर बाजार; सेंसेक्स 55 अंक फिसला, निफ्टी 24150 के नीचे

भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक शुक्रवार को पिछले सत्र के अपने नुकसान को बढ़ाते हुए गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 55.47 अंक या 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ 79,486.32 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 51.15 अंक या 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 24,148.20 अंक पर बंद हुआ। 

एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, सेक्टोरल इंडेक्स में पीएसयू बैंक, मीडिया, रियल्टी और ऑयल एंड गैस सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में रहे। बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से लगातार बिकवाली चिंता का विषय बनी हुई है। अक्तूबर में, एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा और वे चार महीने तक लगातार खरीदार रहने के बाद भारत में शुद्ध विक्रेता बन गए।

एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, एसबीआई और रिलायंस के शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट रही। लाभ पाने वालों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, नेस्ले और हिंदुस्तान यूनिलीवर का नाम शामिल रहा। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 4,888.77 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।

एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई जबकि टोक्यो में सकारात्मक रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। वॉल स्ट्रीट गुरुवार को ज्यादातर बढ़त के साथ बंद हुआ। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.28 प्रतिशत घटकर 74.66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। गुरुवार को बीएसई का सेंसेक्स 836.34 अंक या 1.04 प्रतिशत गिरकर 79,541.79 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 284.70 अंक या 1.16 प्रतिशत गिरकर 24,199.35 अंक पर बंद हुआ।

बाजार की चाल पर क्या है जानकारों की राय?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "निराशाजनक आय और एफपीआई की निरंतर निकासी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं, इस कारण बाजार में सुस्ती जारी रही। यूएस फेड ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए अपने दर-कटौती चक्र को जारी रखा है और ब्याज दरों में 25 बीपीएस की कटौती की है। मुद्रास्फीति में नरमी के बीच दिसंबर की आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक में भी इसी तरह की कटौती की उम्मीद है।" 

नायर ने कहा, "हालांकि, भारत में अक्तूबर में मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद है, और मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण आरबीआई निकट अवधि में दरों को बनाए रखने पर भी विचार कर सकता है।"
रुपया पांच पैसे गिरकर 84.37 के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर

लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे टूटकर 84.37 (अनंतिम) के नए सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर आ गया। विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के कारण यह गिरावट आई।

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती का हालिया निर्णय वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में बदलाव का संकेत देता है। इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रम्प की कर और व्यापार नीतियों के वैश्विक बाजारों को प्रभावित करने के साथ, रुपये के प्रक्षेपवक्र में फिर से अस्थिरता आ सकती है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.32 पर खुला। कारोबार के दौरान स्थानीय मुद्रा ने 84.31 का उच्चतम और 84.38 का न्यूनतम स्तर छुआ। अंत में यह पिछले बंद भाव के मुकाबले 5 पैसे की गिरावट के साथ 84.37 (अनंतिम) पर बंद हुआ।

गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसे गिरकर 84.32 के नए सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर बंद हुआ। पिछले तीन सत्रों में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 28 पैसे कमजोर हुई है।

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