छत्तीसगढराज्य

बलौदाबाजार हिंसा: MLA देवेन्द्र यादव की आज खत्म हो रही न्यायिक रिमांड, कोर्ट में होगी पेशी

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में पिछले कई महीनों से जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की आज रिमांड अवधि खत्म हो रही है। अब कोर्ट में उन्हें फिर पेश किया जायेगा। आज सुनवाई के दौरान अगर न्यायिक रिमांड आगे बढ़ती है तो देवेंद्र यादव को कुछ दिन और जेल में रहना पड़ सकता है। इस बीच खबर है कि पुलिस चार्ज शीट पेश करने के लिए अभी और समय मांग सकती है।

हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि, विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी।

वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ गवाह हैं और कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं।

इन्हे ही आधार बनाकर पुलिस ने देवेंद्र यादव को 17 अगस्त के दिन भिलाई से गिरफ्तारी किया था। गौरतलब है कि, इस गिरफ्तारी से पहले हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था। पुलिस उनके आवास पर पूरे दिन मौजूद रही और लगभग शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी का उनके समर्थकों ने भारी विरोध किया था। इसके बाद से लगातार उनकी न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि, मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया।

कोयला घोटाला, MMS कांड की भी चल रही है जांच
देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित MMS मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था। देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा कि, वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि, जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।

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