छत्तीसगढ

समोसा खिलाया और कराया हस्ताक्षर, पहाड़ी कोरवाओं के नाम से NGO ने निकाले 9 लाख रूपए…..

समोसा खिलाया और कराया हस्ताक्षर, पहाड़ी कोरवाओं के नाम से NGO ने निकाले 9 लाख रूपए

सम्यक नाहटा, सरगुजा। विकासखंड बतौली के 27 पहाड़ी कोरवाओं को एक एनजीओ द्वारा पहाड़ी कोरवा कौशल विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण देने के नाम पर ठग लिया गया और शासन को लाखों रुपए का फर्जी बिल बनाकर राशि आहरण कर लिया गया।

इस फर्जीवाड़ा में कई व्यक्ति 60 से 80 वर्ष के बीच की आयु के बुजुर्ग महिला एवं पुरुष थे। एक ऐसे व्यक्ति जो क़त्ल के आरोप में पिछले 17 वर्षों से केंद्रीय जेल अंबिकापुर में अवरुद्ध था उसे भी प्रशिक्षित कर दिया गया।एक ऐसे व्यक्ति जिसकी मृत्यु हो चुकी थी,उसे भी प्रशिक्षण दिया गया।

विकासखंड बतौली के ग्राम घोघरा,सलियाडीह और गोविंदपुर के 27 पहाड़ी कोरवा महिला एवं पुरुष को इलेक्ट्रिशियन के लिए 45 दिवस का प्रशिक्षण देना बताया गया।

प्रशिक्षण देने के नाम पर फर्जी बिल से 9 लाख 45 हजार रुपये निकाल लिए गए। जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी,घोघरा के सरपंच, सलियाडीह के सरपंच और गोविंदपुर के सरपंच से मिलीभगत कर एनजीओ ने ₹9 लाख 45 हजार का आहरण कर लिया।

इस प्रशिक्षण में लगभग 15 से 20 पहाड़ी कोरवा महिला पुरुष 1 दिन ग्राम घोघरा के आंगनवाड़ी भवन में उपस्थित हुए थे और उन्हें दो समोसा खिला कर फर्जीवाड़ा पूरा कर दिया गया।

पहाड़ी कोरवाओं से संतुष्टि प्रमाण पत्र में दस्तखत लेकर 9लाख 45हजार की राशि का आहरण कर लिया गया इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा,कलेक्टर सरगुजा, और थाना बतौली में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है मामला दिसंबर 2020 का है।

प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में महली उम्र 75 वर्ष जिसे दिखाई कम देता है,सुनाई भी कम देता है शामिल है। महली ने बताया की नवंबर 2020 में सभी पहाड़ी कोरवा को आंगनवाड़ी भवन घोघरा में इकट्ठा होने के लिए कहा गया।

उसके चार-पांच दिन बाद सवेरे 10:00 बजे एक व्यक्ति आया सभी को समोसा खिलाया और एक प्रमाण पत्र में दस्तखत कराया। चार पांच लोगों को 1 पलाश,1 पेचकस ,1 टेस्टर और एक कट्टर दिया और बताया

कि आप लोग का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। हमने आज तक इलेक्ट्रिशियन क्या होता है नहीं जानते । और ना कहीं काम किया है।अब 80-85 वर्ष की उम्र में हम कहां काम करने जाएं दिखाई भी कम देता है सुनाई भी कम देता है।हमारे घर झोपड़ी के बने है।बिजली के बारे में नही जानते।

रतनू उम्र 75 वर्ष ने बताया कि जब प्रशिक्षण हो रहा था तब वह जेल में था उस पर कत्ल का आरोप था और 17 वर्ष उसने जेल में बिताए हैं मुझे नहीं पता कि मुझे किसी ने प्रशिक्षण दिया और क्या चीज का प्रशिक्षण दिया और मेरे नाम से प्रशिक्षण हो गया करके लोग आज भी अधिकारी लोग बताते हैं. घोघरा के आंगनबाड़ी भवन में हुए

प्रशिक्षण में शीतल नाम का व्यक्ति भी प्रशिक्षित की सूची में है ।शीतल की मृत्यु 9 अक्टूबर 2020 को हो गई थी और प्रशिक्षण नवंबर के 20 तारीख के बाद एक दिन के लिए रखा गया था। मृत व्यक्ति शीतल को भी प्रशिक्षण देकर संख्या बढ़ा लिया गया।

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