बाढ़ से जूझ रहे श्रीलंका का आर्थिक मदद देकर, क्या डेट ट्रैप डिप्लोमेसी कर रहा चीन
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कोलंबो । आर्थिक संकट और बाढ़ से जूझ रहे श्रीलंका में चीन अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर चीन ने श्रीलंका में राहत सामग्री और सहायता पहुंचाकर अपनी पैठ बढ़ने की कोशिश की है। चीन ने श्रीलंका में 46 लाख बच्चों के लिए मुफ्त स्कूल ड्रेस और राशन उपलब्ध कराया हैं। यह कदम श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक स्थिति में चीन की छवि सुधारने और वहां अपनी मौजूदगी को मजबूती करने की रणनीति का हिस्सा है।
चीन के इस कदम पर विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की असली मंशा अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देना है। श्रीलंका में पहले से ही कई चीनी परियोजनाएं चल रही हैं, इसमें हंबनटोटा और कोलंबो पोर्ट सिटी जैसी प्रमुख योजनाएं हैं। इन परियोजनाओं के द्वारा चीन अपनी आर्थिक और रणनीतिक पकड़ मजबूत कर रहा है। चीन की यह सॉफ्ट पावर रणनीति आर्थिक सहायता और मानवीय राहत के जरिए देशों को अपनी ओर आकर्षित करने पर केंद्रित है। श्रीलंका में यह रणनीति न केवल चीन की उपस्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि भविष्य में श्रीलंका को अपने पक्ष में रखने की गारंटी भी देगी।
दरअसल आर्थिक संकट के चलाते श्रीलंका को चीन और अन्य देशों से कर्ज लेना पड़ा है। इस स्थिति में चीन की मदद कई बार डेट ट्रैप डिप्लोमेसी का हिस्सा होती है, जहां कर्ज के बदले चीन संबंधित देश पर राजनीतिक और आर्थिक नियंत्रण बढ़ा लेता है।