दमोह का एक शिवलिंग जो हर साल बदलता है स्वरूप
MP: बुंदेलखण्ड के दमोह जिले के बांदकपुर में स्थित शिवलिंग जनता के लिए आश्चर्य का केन्द्र बना हुआ है। प्रसिद् तीर्थ क्षेत्र सिद्वपीठ श्री जागेश्वर महादेव मंदिर में बारह माह भक्तों का जमावड़ा रहता हैं। बुंदेलखंड के बांदकपुर स्थित जागेश्वर धाम में स्थापित शिवलिंग सालों से लोगों के आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है। ऐसा माना जा है कि शिवलिंग हर साल चौड़ा यानी बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे क्या कारण है, यह अब तक किसी को ज्ञात नहीं है।
ऐसी मान्यता है कि यह शिवलिंग हर साल बढ़ता जा रहा है। इस मंदिर को देखने संपूर्ण देश के लोग आते हैं। इन भगवान महादेव के दर्शन करने से कहा जाता है कि सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जब इसके बारे में और जानने की जिज्ञासा की तो पता चला कि 1972 से अब तक शिवलिंग की महिमा प्रतिष्ठा दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। इस मंदिर में भगवान महादेव के ठीक आगे मां पार्वती की प्रतिमा है, जिसकी स्थापना 1844 में की गई थी। गर्भस्थल में भगवान जागेश्वर नाथ के सामने माता पार्वती की मूर्ति विराजमान है। माता की दृष्टि ठीक जागेश्वरनाथ जी महादेव पर पड़ती है। हर साल देश भर के कावड़िये आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि मंदिर में सवा लाख कावड़िए चढ़ जाते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती के शिखर पर लगे झंडे झुके-झुके से लगते हैं। यहां के श्रदालु बताते है कि यह दृश्य उनके द्वारा स्वयं देखा गया है।
क्या है प्राचीन मान्यता
माना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम चित्रकूट यात्रा के पश्चात पंचवटी की दक्षिण यात्रा दमोह के पास से की होगी। जिसके प्रमाण यहां दिए गए हैं। कुछ लेखकों ने इस रहस्य में लिखा है कि युग परिवर्तन से यह तीर्थ क्षेत्र ध्वस्त हो गया था। साथ ही 290 वर्ष पूर्व 1711 में पुन: भगवान जागेश्वर स्वयं प्रकट हुए। तब से लेकर अब तक यहां भक्तों को तांता लगा रहता है।