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फाल्गुन माह आज से शुरू : पूरे महीने होगी भगवान शिव, कृष्ण और चंद्रमा की आराधना, जानिए इस माह का महत्व…..

फाल्गुन माह आज से शुरू : पूरे महीने होगी भगवान शिव, कृष्ण और चंद्रमा की आराधना, जानिए इस माह का महत्व

रायपुर : फाल्गुन मास में भगवान शिव, श्रीकृष्ण और चंद्र देव की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल फाल्गुन मास सोमवार 6 फरवरी यानी आज से प्रारंभ हो रहा है.

इस माह के दौरान महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या, होली सहित मुस्लिम, ईसाई, सिख व आदिवासी समाज के पर्व भी आएंगे. होलाष्टक भी इसी माह शुरू होगा.

धार्मिक दृष्टि से फाल्गनु का महीना पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है. चंद्र देव की आराधना के लिए फाल्गुन मास सबसे उपयुक्त समय होता है, शास्त्रों के अनुसार इसी माह में चंद्रमा का जन्म हुआ था.

फाल्गुन में भगवान शिव की पूजा का महत्व

फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था. इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है.

इस दिन शिवभक्त कई स्थानों पर महाशिवरात्रि पर शिव जी की बारात निकालते हैं. ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को भोलेनाथ दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे.

फाल्गुन में भगवान कृष्ण की पूजा का महत्व

फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की उपासना तीन रूपों में होती है, जिसमें बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण शामिल हैं. बाल कृष्ण की पूजा संतान के लिए उत्तम मानी गई है. वहीं प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें. इसके अलावा गुरु कृष्ण की आराधना करने से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है.

फाल्गुन में चंद्र देव की पूजा का महत्व

भगवान शिव को चंद्र का देवता माना गया है. शिवशंकर ने उन्हें अपने सिर पर धारण किया हुआ था. फाल्गुन में चंद्र देव की पूजा करने से स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, सम्मान और पारिवारिक सुख और शांति का वरदान मिलता है.

चंद्रमा मन के कारक हैं, कुंडली में अगर चंद्रमा प्रतिकूल प्रभाव दे रहे हैं तो व्यक्ति मानसिक तनाव से घिर रहता और अक्सर मां की सेहत को लेकर चिंतित होता है. फाल्गुन के महीने में चंद्रमा की उपासना से कुंडली में चंद्र दोष को दूर किया जा सकता है.

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