मध्यप्रदेश

एसएएफ को चाहिए जिला पुलिस बल में एंट्री, 41 साल पुराने आदेश पर एक्शन की मांग

भोपाल: मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पूरे पुलिस बल का संविलयन जिला पुलिस बल में करने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है। विशेष सशस्त्र पुलिस बल की जवानों ने कहा है कि जिलों में थानों में उनकी सेवाएं लिए जाने से पुलिस के समक्ष आने वाले साइबर, सीबीआई, एटीएस, सीआईडी, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त, एनआईए समेत अन्य शाखाओं के महत्वपूर्ण कामों के निराकरण में आसानी होगी। इसके साथ ही सबसे बड़ा काम यह होगा कि एसएएफ में सेवाएं दे रहे जवानों को सामाजिक पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने का भी मौका मिल सकेगा।

राजधानी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए विशेष सशस्त्र बल में कार्यरत जवानों के परिजनों अनिल उपाध्याय, दिनेश चौहान, आशीष पटेल की ओर से कहा गया कि पुलिस विभाग में आरक्षक से उप निरीक्षक तक एकल विंडो एंट्री सिस्टम लागू है। मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल एवं जिला पुलिस बल में एक समान योग्य उम्मीदवार चुनकर आते हैं परंतु एसएएफ बल में कार्य क्षमता और दक्षता होने के बाद भी उसकी योग्यता व कार्य कुशलता का दमन हो रहा है। साथ ही जवान दूरस्थ स्थान पर ड्यूटी देने के चलते भटकाव की स्थिति में रहते हैं और मानसिक, शारीरिक व पारिवारिक वेदनाओं से जूझने को मजबूर होते हैं। इनकी ओर से कहा गया कि अर्द्ध सैनिक भांति उच्च स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त कर एसएएफ का जवान बटालियन में आता है। ऐसी अवस्था में जब जवान के पास काम करने की अतिरिक्त क्षमताएं होती हैं तो उसका उपयोग बटालियन में नहीं हो पाता है। इन हालातों को देखते हुए जिला बल एवं विशिष्ट विशेष सशस्त्र बल में आपसी स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए और अलग-अलग विधाओं में पारंगत और अपराधियों पर लगाम लगाने में सफल जवानों को कानून व्यवस्था, यातायात जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि उनका भी मनोबल ऊंचा रहे। सशस्त्र पुलिस बल के ऐसे सेवक जिन्होंने 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो, उनको जिला बल में शामिल किया जाए जिससे एसएएफ और जिला बल के बीच सामंजस्य बना रहेगा और इस प्रक्रिया से शासन पर किसी तरह का आर्थिक बोझ भी नहीं आएगा।

1982 में जारी हुए थे निर्देश जो अब लागू किए जाएं

एसएएफ जवानों ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मुख्यमंत्री तक उनके द्वारा अपना संविलियन और स्थानांतरण करने का पत्र पहुंचाया गया है। इसको लेकर करीब सवा सौ जनप्रतिनिधियों के ध्यान में भी बात लाई गई है। इस मामले में खास बात यह है कि पहले भी पुलिस मुख्यालय के पत्र क्रमांक पुमु/ 1(बी)/ 3(अ)/3108/ 82 से इसको लेकर पहल हुई है। 13 सितंबर 1982 को जारी आदेश में एसएएफ से जिला बल में पुलिस के स्थानांतरण के लिए विस्तार से निर्देश जारी किए गए थे लेकिन इसे बाद में विलोपित कर दिया गया। यह प्रक्रिया प्रारंभ करने से 26000 कर्मचारियों को लोकहित व राज्यहित में सेवा करने के लिए मौका दिया जा सकता है।

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