जगदलपुर की चुनावी सभा में राहुल गांधी ने बताया आदिवासी और वनवासी शब्द में फर्क, किया ऐलान- हम भारत से वनवासी शब्द को मिटा देंगे…
जगदलपुर की चुनावी सभा में राहुल गांधी ने बताया आदिवासी और वनवासी शब्द में फर्क, किया ऐलान- हम भारत से वनवासी शब्द को मिटा देंगे
जगदलपुर : जगदलपुर के लालबाग मैदान में राहुल गांधी ने आज चुनावी सभा को संबोधित किया राहुल गांधी ने इस दौरान आदिवासी और वनवासी शब्द में फर्क बताया राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना चाहते हुए
कहा कि भाजपा नहीं चाहती की आदिवासी का बच्चा अंग्रेजी सीखे हम चाहते हैं आदिवासी का बच्चा अंग्रेजी भी सीखें हिंदी भी सीखे और छत्तीसगढ़ी भी सीखे और बेहतर करियर का निर्माण करें।
राहुल गांधी ने कहा कि ये चाहते हैं कि आदिवासियों को अंग्रेजी नहीं सीखनी चाहिए, ये आपको जंगल में रखना चाहते हैं,इसलिए आपको वनवासी कहते हैं। जंगल में रहो और फिर जंगल को खत्म कर रहे हैं।
पूरे देश में जंगल अदानी को दे रहे हैं। आज से 15 साल बाद आपसे कहेंगे भैया आप तो जंगल के हो,मगर जंगल ही नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि हमने स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले। हम चाहते हैं
आदिवासियों के बच्चे अंग्रेजी पढ़ें,अंग्रेजी सीखें और कॉल सेंटर में काम करें,विदेश की कंपनियों से व्यापार करें।आदिवासी बच्चे विदेश में जाकर बिजनेस करें
इसलिए हम अंग्रेजी स्कूल खोले हैं। हम चाहते हैं आदिवासियों के बच्चे भी हिंदी सीखो, अंग्रेजी सीखो ,छत्तीसगढ़ी सीखो। आपके जो बच्चे हैं वह अंग्रेजी स्कूल में पढ़ें। सारे के सारे बीजेपी के नेता के बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं और वे चाहते हैं कि गलती से भी आदिवासी बच्चा अंग्रेजी ना सीक जाए,
क्योंकि वह जानते हैं कि अगर आदिवासी बच्चे अंग्रेजी सीख जाए तो आदिवासी दूसरा सपना देखना शुरू कर देंगे। आदिवासी बच्चे पायलट बनने की कोशिश करेंगे, इंजीनियर बनने की कोशिश करेंगे,डॉक्टर बनने की कोशिश करेंगे,
कंप्यूटर चलाना सीखेगें, ये नहीं चाहते कि आपके बच्चे यह काम करें,इसलिए उन्होंने यह शब्द वनवासी निकला है और मैं बता रहा हूं आपको कांग्रेस पार्टी मिटा के दिखा देगी इस शब्द को, मिटा देंगे
इस शब्द को हिंदुस्तान से, आप आदिवासी हो,आदिवासी रहोगे और यह देश का जल,जंगल और जमीन पर आपका हक रहेगा। जल का फायदा,जंगल का फायदा, जमीन का फायदा आपको मिलेगा।
हम आपके साथ खड़े हैं,एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। चाहे वह अडानी की मदद करें, चाहे किसी और उद्योगपति की। आपकी जमीन लेने से पहले आदिवासियों से परमिशन लेनी पड़ेगी।