रेत खदानों की ई-नीलामी पर रोक लगाए सरकार : विक्रम मंडावी
विधायक ने कहा यह कदम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों का हनन और पेसा कानून के प्रावधानों के विरुद्ध है
बीजापुर(हिन्दसत)। विधायक एवं कांग्रेस नेता विक्रम मंडावी ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार से बस्तर संभाग में गौण खनिज रेत खदानों की ई-नीलामी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कदम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है और पेसा कानून के प्रावधानों के विरुद्ध है।
विक्रम मंडावी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बस्तर संभाग आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। यहां पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा कानून) लागू है, जो ग्राम पंचायतों को प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार देता है। ई-नीलामी की प्रक्रिया इन अधिकारों को कमजोर करती है और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की साजिश है।
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने रेत खदानों को ग्राम पंचायतों के हवाले कर स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाया था। इससे पंचायतों की आय बढ़ी, रोजगार के अवसर मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। भाजपा सरकार की नई नीति से बड़े ठेकेदारों को फायदा होगा जबकि स्थानीय लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
विक्रम मंडावी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ई-नीलामी प्रक्रिया वापस नहीं ली, तो कांग्रेस पार्टी जनहित में आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।




