संस्कृति, स्वाद और समरसता का संगम बना बीजापुर

बस्तर राइजिंग टीम ढोल-नृत्य संग हुई मंत्रमुग्ध
बीजापुर (हिन्दसत)। ‘बस्तर राइजिंग’ अभियान के तहत बीजापुर पहुँचे प्रतिनिधिमंडल का पारंपरिक नृत्य, स्थानीय व्यंजन और लोक संस्कृति के साथ भव्य स्वागत किया गया। ऐतिहासिक लोहा डोंगरी में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा स्थानीय जीवनशैली, कला और संस्कृति को दर्शाते आकर्षक स्टॉल लगाए गए।
महुआ की चाय, चापड़ा चटनी, तिखुर का हलवा, मड़िया पेज और लांदा जैसे पारंपरिक व्यंजनों ने प्रतिनिधिमंडल का मन मोह लिया। उन्होंने बीजापुर की समृद्ध पाक परंपरा और व्यंजनों की विधियों की जानकारी भी ली।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण गौर नृत्य रहा, जिसकी ताल पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थिरक उठे। आयोजन में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं, स्पोर्ट्स अकादमी के खिलाड़ी, गारमेंट फैक्ट्री की महिला कर्मचारी और बीजादूत स्वयंसेवक शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों प्रतूल जैन, फ्रेनो डिसूजा और पलक चौधरी ने बीजापुर की संस्कृति और आतिथ्य की सराहना करते हुए इसे “अद्भुत अनुभव” बताया।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत नम्रता चौबे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। ‘बस्तर राइजिंग’ के माध्यम से बीजापुर की संस्कृति और परंपराओं को जो नया मंच मिला है, वह पर्यटन और आदिवासी पहचान दोनों को नई ऊँचाई देगा।