वन अमला ग्रामसभा की अनदेखी करना बंद करे – जग्गूराम तेलामी

पेद्दा कोड़ेपाल में कूप कटाई को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने लगाए गंभीर आरोप, स्वस्थ व युवा पेड़ों की अवैध कटाई का दावा
बीजापुर (हिंदसत)। सर्व आदिवासी समाज ने ग्राम पेद्दाकोड़ेपाल में की जा रही कूप कटाई को लेकर वन विभाग पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। समाज ने मामले की स्वतंत्र जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने बताया कि संबंधित कूप क्षेत्र में गिरे पड़े अथवा सूखे पेड़ों के बजाय स्वस्थ और युवा पेड़ों की कटाई की गई है। कटे पेड़ों में महुआ, बीजा, तेंदू और धावड़ा जैसी महत्वपूर्ण और आजीविका से जुड़ी प्रजातियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई वन प्रबंधन के नियमों के साथ-साथ ग्रामसभा की भावना और अधिकारों के भी विरुद्ध है।
जग्गूराम तेलामी ने वन अधिकारियों के उस दावे को भी बोगस करार दिया, जिसमें कहा गया था कि कूप कटाई से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। उनके अनुसार न तो स्थानीय ग्रामीणों को इस कार्य में शामिल किया गया और न ही उन्हें कटाई प्रक्रिया की कोई स्पष्ट जानकारी दी गई।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विभाग द्वारा 13 सितंबर 2025 को बैठक और 2 अक्टूबर 2025 को ग्रामीणों के साथ निर्णायक चर्चा किए जाने का दावा तथ्यहीन है। ग्रामीणों से बातचीत में सामने आया कि अधिकारी केवल फोटो सेशन कर लौट गए, जबकि किसी भी प्रकार का वास्तविक संवाद नहीं हुआ। कूप कटाई को लेकर ग्रामीणों को पूरी तरह अंधेरे में रखा गया।

करीब 300 एकड़ में फैला यह जंगल स्थानीय आदिवासियों द्वारा सैकड़ों वर्षों से संरक्षित किया जाता रहा है। यह क्षेत्र उनकी सांस्कृतिक, धार्मिक एवं रूढ़िगत मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार, यहां त्योहारों के दौरान होने वाले पारंपरिक आखेट, साथ ही मवेशियों की चराई जैसे सामुदायिक उपयोग लंबे समय से होते आ रहे हैं।
सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है कि ग्रामसभा की अनदेखी तत्काल बंद की जाए, पेसा कानून के तहत ग्रामसभा के अधिकारों की अवहेलना रोकी जाए, कूप कटाई की स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।




