देश

12 महीने एक ही ड्यूटी करनेवालों को करना ही होगा परमानेंट, अनुबंध कर्मियों पर बोले मीलॉर्ड…

सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में व्यवस्था दी है कि अगर कोई व्यक्ति किसी पद पर सालों भर और स्थायी प्रकृति के पदधारी जैसा काम करता है तो उसे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है और उसकी नौकरी स्थायी करने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

मंगलवार (12 मार्च) को जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि स्थायी या बारहमासी प्रकृति का काम एक अनुबंध कर्मचारी द्वारा नहीं किया जा सकता है और अगर कोई ऐसा करता है तो उसे स्थायी किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारहमासी/स्थायी प्रकृति के काम करने के लिए नियोजित श्रमिकों को अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत उन्हें सिर्फ स्थायी नौकरी के लाभ से वंचित करने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता है। यह महानदी कोलफील्ड में काम करने वाले सफाई मजदूरों से जुड़ा मामला है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस नरसिम्हा ने अपने आदेश में हाई कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा कर्मी से हटाकर स्थायी कर्मी का दर्जा और वेतन-भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि रेलवे लाइन के किनारे गंदगी हटाने का काम ना सिर्फ नियमित है बल्कि बारहमासी और स्थायी प्रकृति का है। कोर्ट ने कहा कि इन कारणों से अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए।

दरअसल, महानदी कोलफील्ड्स ने इस तरह के 32 कॉन्ट्रक्ट कर्मचारियों में से 19 की नौकरी परमानेंट कर दी थी, जबकि 13 को अनुबंध कर्मी के रूप में ही छोड़ दिया  था, जबकि सभी कर्मियों की ड्यूटी एक समान और एक ही प्रकृति की थी।

इसके खिलाफ यूनियन ने केंद्र सरकार और महानदी कोलफील्ड्स को ज्ञापन सौंपा लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो इंडस्ट्रियल ट्रबियूनल में मामला पहुंचा, जहां ट्रिब्यूनल ने सभी 13 अनुबंध कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया।

बाद में उसी फैसले को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा, जिसके खिलाफ महानदी कोलफील्ड्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां से भी उसे निराशा हाथ लगी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button