मध्यप्रदेश

हाईकोर्ट ने दो आईएएस अफसरों को दी कैद और जुर्माने की सजा, जानिए क्‍या है मामला

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना के केस में दो आईएएस अधिकारियों को कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। छतरपुर के पूर्व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर छतरपुर अमर बहादुर सिंह को दोषी मानते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ये सजा सुनाई है।नियम विरुद्ध ट्रांसफर किए जाने के मामले में कोर्ट ने बड़े पद पर बैठे दो अधिकारियों को सजा सुनाई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवमानना के मामले में 2 आईएएस अधिकारियों को सात दिन की जेल की सजा सुनाई है। दोनों अधिकारियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इसी के साथ उन्हें कोर्ट रूम से सीधे जेल भेजने के निर्देश दिए गए। जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया ने इन दोनों आईएएस अधिकारियों को दोषी पाते हुए फैसला सुनाया।

ये है पूरा मामला

मामला यह है कि स्वच्छता मिशन के तहत संविदा आधार पर छतरपुर में नियुक्त की गई जिला समन्वयक रचना द्विवेदी के नियम विरुद्ध स्थानांतरण का है। जिला समन्वयक रचना द्विवेदी का पहले तो नियम विरुद्ध तरीके से दोनों अधिकारियों ने तबादला कर दिया।इसके बाद जब उस आदेश के विरुद्ध रचना द्विवेदी हाई कोर्ट का स्टे लेकर पहुंची तो उस आदेश को न मानते हुए अधिकारियों ने वापस जॉइनिंग नहीं दी। इतना ही नहीं अधिकारियों ने जिला समन्वयक रचना द्विवेदी को सेवा भी बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारियों के इस रवैया के खिलाफ साल 2021 में रचना द्विवेदी हाईकोर्ट पहुंची और अवमानना याचिका को दायर करते हुए दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध एक लंबा मुकदमा लड़ा।याचिकाकर्ता रचना द्विवेदी के अधिवक्ता डी के त्रिपाठी ने बताया कि जस्टिस एस एस अहलूवालिया ने अवमानना के इस मामले में पूर्व सुनवाई के दौरान दोनों आईएएस अधिकारियों को दोषी पाया था और फैसला सुरक्षित कर लिया था।

जिला समन्वयक रचना द्विवेदी को दो आईएएस अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफर कर दिया था। साथ ही उनके स्थानांतरण आदेश के बाद सेवा बर्ख़ास्तगी कर दी गई थी। जबकि इस मामले पर हाईकोर्ट की रोक लगी हुई थी बावजूद इसके दोनों अधिकारियों ने अदालत का आदेश नहीं माना था। अधिकारियों के इस एक्शन को कोर्ट ने अपने आदेश की अवमानना मानते हुए उन्हें ये सजा सुनाई गई है। इतनी बड़े रैंक के अधिकारियों को जेल भेजने का ये मामला अपने आप में ऐतिहासिक माना जा रहा है।

डिविजन बैंच ने सजा पर लगाई रोक

वर्तमान में शीलेंद्र सिंह भोपाल में सामाजिक न्याय विभाग में उपसचिव के पद पर हैं और अमर बहादुर सिंह के पास जबलपुर संभाग के एडिशनल कमिश्नर की कमान है। इतनी बड़े रैंक के अधिकारियों को जेल भेजने का ये मामला अपने आप में ऐतिहासिक माना जा रहा है। दो आईएएस अफसरों पर कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर दी गई सजा पर शुक्रवार के दिन हुई सुनवाई पर रोक लगाई गई। कोर्ट की डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को अवमाना मामले में राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी थी। दरअसल कोर्ट से सजा मिलने के बाद ही दोनों अधिकारियों ने न्यायालय में पहुंचकर अपने काम के लिए माफी मांगी थी। साथ ही सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।

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