रायपुर। बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ प्रदेश के मिनी स्टील उद्योगों में तालाबंदी शुरू हो गई है। अगले चरण में आंदोलन का विस्तार देने की रणनीति बनाई गई है। यही नहीं, निजी उत्पादक से बिजली लेने के विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने कहा कि स्टील उद्योग पॉवर कंपनी के बड़े उपभोक्ता हैं। हमारा लंबे समय से रिश्ता है। हम एकाएक रिश्ते को नहीं तोडऩा चाहते हैं। यदि सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई, तो निजी उत्पादकों से बिजली लेने के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा। बताया गया कि अडाणी समूह ने 5.15 रुपये में बिजली उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है। मगर ट्रांसमिशन लाइन के लिए नियामक आयोग की अनुमति की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में सरकार की तरफ से स्टील उद्योगों की मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर आयोग को प्रस्ताव दिया जा सकता है। बताया गया कि प्रदेश के मिनी स्टील प्लांट सोमवार की आधी रात से बंद हो चुके हैं। अगले चरण में स्पंज आयरन और अन्य उद्योगों को भी बंद रखने पर भी विचार चल रहा है। स्टील उद्योगों ने दो सूत्रीय मांग रखी है। इनमें 1.40 रुपये का अनुदान पांच वर्ष के लिए दिया जाए। इसके अलावा वर्तमान में स्टील उद्योगों का विद्युत शुल्क 8 फीसदी है, उसे 15 साल के लिए शून्य फीसदी कर दिया जाए। दूसरी तरफ, सीएम विष्णुदेव साय इस सिलसिले में एक-दो दिनों में उद्योग संगठनों से उनकी मांगों पर चर्चा कर सकते हैं।
Related Articles
Check Also
Close