उज्जैन मास्टर प्लान में बदलाव सिंहस्थ क्षेत्र से बाहर नहीं होगी, मंत्री मोहन यादव के परिजनों की जमीन
भोपाल। उज्जैन में सिंहस्थ के लिए नौ साल पहले अधिसूचित की गई 148.679 हेक्टेयर जमीन को मास्टर प्लान में सिंहस्थ एरिया से बाहर करने के मामले में नगरीय विकास विभाग ने पिछले माह लिए गए फैसले को पलट दिया है। इस मामले में मंत्री मोहन यादव को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था और उनके स्वामित्व वाली भूमि को सिंहस्था के मास्टर प्लान से बाहर करने की शिकायत भी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि उज्जैन के नए मास्टर प्लान से सिंहस्थ के आयोजन में कोई असुविधा नहीं उत्पन्न होनी चाहिए। आवश्यकता होने पर मास्टर प्लान में परिवर्तन किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश के बाद सिंहस्थ में सेटेलाइट टाउन के लिए अधिसूचित ग्राम सांवराखेड़Þी और कस्बा उज्जैन की 148.679 हेक्टेयर जमीन को आवासीय किए जाने का फैसला निरस्त किया गया है क्योंकि ऐसा नहीं होने पर सिंहस्थ के लिए इस क्षेत्र में पार्किंग और अन्य सेवा सुविधाओं की खातिर भूमि की उपलब्धता में दिक्कत होना तय है। इसको लेकर कहा गया है कि चूंकि सिंहस्थ बायपास उज्जैन नगर के पश्चिम से उत्तर की ओर बाहरी क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो कि पड़ाव क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि तक आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए उज्जैन विकास योजना 2035 में ग्राम सांवराखेड़ी और कस्बा उज्जैन में सेटेलाइट टाउन के लिए चिन्हित 148.679 हेक्टेयर भूमि का उपयोग पूर्व की भांति किए जाने का फैसला राज्य शासन ने लिया है।
यह था पूरा मामला
उज्जैन में सिंहस्थ के लिए रिजर्व 872 एकड़ जमीन में से 185 एकड़ को लैंडयूज बदलकर अलग कर दिया गया था। इस अलग की गई भूमि मेंं 29 एकड़ जमीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, उनकी फर्म, पत्नी सीमा और बहन व नगर निगम सभापति कलावती यादव व लीला बाई यादव के नाम है। भूमि के कुछ नम्बरों पर इनके नौकरों के भी नाम चढ़े हैं। जून में सिंहस्थ क्षेत्र का ड्राफ्ट सामने आने के बाद यह शिकायत सामने आई थी कि मंत्री और रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए उज्जैन के मास्टर प्लान-2035 में यह बदलाव किया गया है। सिंहस्थ की इस रिजर्व जमीन का लैंडयूज कृषि से बदलकर आवासीय कर दिया गया ताकि यहां निजी कॉलोनियां डेवलप हो सकें। इसमें शक्करवासा, सावराखेड़ी व दाऊदखेड़ी आदि गांवों की जमीनों के लैंडयूज भी बदले गए। इस पर कांग्रेस पार्षद रवि राय ने शासन से शिकायत की थी।
मंत्री और उनके परिजनों की यह भूमि हुई थी बाहर
मंत्री मोहन यादव और उनके परिजनों की जिस जमीन को सिंहस्थ से बाहर करने की बात सामने आने के बाद शिकायत हुई थी, उसमें कस्बा 4 उज्जैन के सर्वे नम्बर 3283-3 की 2.238 हेक्टेयर जमीन के मालिक श्रीसिद्धि विनायक देवकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मोहन पिता पूनमचंद यादव हैं। इसी तरह कस्बा 11 उज्जैन के सर्वे नम्बर 3288 मीन की 1.562 हेक्टेयर और कस्बा 13 के सर्वे क्रमांक 3288 मीन की 0.296 हेक्टेयर जमीन भी शामिल है जिसके भूमि स्वामी श्री सिद्धि विनायक देवकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मोहन पिता पूनमचंद यादव हैं। कस्बा 15 उज्जैन के सर्वे नम्बर 3290 की 2.863 हेक्टेयर जमीन कलाबाई पति सत्यनारायण और कस्बा 18 में सर्वे नम्बर 3291-1-2 की 0.627 हेक्टेयर भूमि लीलाबाई पिता पूनमचंद के नाम पर है।