जनवरी 2016 से मिलेगा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को सातवां वेतनमान
भोपाल। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ चिकित्सकों को एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया जाएगा। गृह, जेल सहित सभी विभागों में पदस्थ चिकित्सकों को समयबद्ध वेतनमान मिलेगा। चिकित्सका छात्रों को ग्रामीण क्षत्रों में अनिवार्य सेवा संबंधी बांड राशि का युक्तियुक्तकरण करने के साथ भोपाल शहर के 11 नर्सिंग होम की शिफ्टिंग के नियमों को सरल बनाया जाएगा। बिना पदोन्नति की बाध्यता के पांच, दस और पन्द्रह वर्ष में वेतन वृद्धि मिलेगी। यह घोषणाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया परिसर में आयोजित समारोह में की हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने दो हजार बिस्तरों के विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले अस्पताल का लोकार्पण किया है। मुख्यमंत्री ने हमदिया अस्पताल परिसर में नर्सिंग कॉलेज और छात्रावास का भूमिपूजन भी किया है। मुख्यमंत्री चौहान के साथ लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग उपस्थित थे।
वेतन के एनपीए गणना की तुटि दूर करेंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो हजार बिस्तर के अस्पताल, इमरजेंसी चिकित्सा विभाग का लोकार्पण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वेतन की एनपीए गणना की त्रुटियों को दूर किया जाएगा। संविदा कर्मियों के जैसे ही संविदा चिकित्सकों को भी सुविधाएं मिलेंगी। सभी विभागों के डाक्टर को समान कार्य समान वेतन मिलेगा। चिकित्सा छात्रों के ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा संबंधी बांड राशि का युक्तियुक्त करण होगा। सहायक प्राध्यापक के विलोपित वेतनमान में सुधार किया जायेगा। शहर के 11 नर्सिंग होम की शिफ्टिंग के नियम सरल किए जायेंगे।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल बिछाया
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल बिछाया जा रहा है। संविदा चिकित्सकों को शासकीय संविदा कर्मियों के जैसे ही सुविधाएं मिलेंगीं। शरीर स्वस्थ रहे इससे बड़ा सुख कोई नहीं हो सकता। डॉक्टरों का लोगों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। मरीजों, गरीबों को बेहतर इलाज और आज की चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से यह नवीन भवन तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स जनता को बेहतर चिकित्सा की सुविधाएं दें सरकार उनकी सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी, कोविड के दौर में चिकित्सकों और शासकीय अस्पतालों की भूमिका अद्भुत थी।