महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को 50% रिजर्वेशन देने पूर्व मुख्यमंत्री ने पीएम को लिखी चिट्ठी
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि सनातन धर्म राजनेताओं का विषय नहीं है। यह संतों और महापुरुषों के विषय की बात है। राजनीतिक मंच से इस पर डिस्कशन न किया जाए, वे मीडिया के माध्यम से ऐसा आग्रह करती हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं का काम लोगों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था करना है, उन्हें यही काम करना चाहिए। सनातन धर्म को लेकर क्या करना है क्या नहीं, यह संत महापुरुष ही तय कर लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री उमा ने यह बातें सीहोर जिले में चिंतामन गणेश मंदिर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहीं।
मैं शिवराज की प्रवक्ता नहीं
कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा जो बातें शिवराज को लेकर गई हैं उसका जवाब शिवराज ही देंगे। मैं शिवराज के प्रवक्ता नहीं हूं जो उनकी बातों का जवाब दूं।
महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए 50% के प्रावधान की मांग
बाद में संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल को लेकर मीडिया से संवाद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि यह बिल 1996 में देवगौड़ा सरकार ने पेश किया था। तब मैंने इसका विरोध करते हुए कहा था कि जब तक एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों के आरक्षण को लेकर स्पष्ट नहीं हो जाता, तब तक के लिए यह बिल वापस ले लिया जाए। मेरे विरोध के बाद मेरी पार्टी के लोग मुझसे नाराज़ हो गए थे। अब बिल लाने की जैसे ही जानकारी मुझे लगी मैंने तत्काल पीएम कार्यालय के लिए चिट्ठी लिखी थी। इस पत्र में कहा है कि महिला आरक्षण के साथ पिछड़ी जातियों का प्रावधान रखा जाए। पिछड़ी जाति की महिलाएं आरक्षण से वंचित रह जाएँगी, अगर इसमें प्रावधान नहीं होगा। पिछड़ी वर्ग की महिलाएँ पीछे रह जाएँगी। उन्होंने महिला ओबीसी के लिए 50% आरक्षण की मांग की है।
हिंदुत्व से हिंदुत्व विरोधी नेताओं के पास जा रहे पिछड़ी जाति के लोग
मीडिया से चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि पिछड़ी जाति के लोग नाराज होकर हिंदुत्व विरोधी नेताओं के पास जा रहे हैं। बिल से पिछड़ों का भरोसा टूट जाएगा। दिल्ली में जो हुआ उसको लेकर उन्होंने कहा कि आज से चलाया अभियान चलाया जाएगा। एमपी में मैं शिवराज सरकार से माँग करूँगी। पिछड़े वर्ग की महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।