छत्तीसगढ

नगरनार प्लांट पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को समझ रहे मतदाता…

नगरनार प्लांट पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को समझ रहे मतदाता

जगदलपुर : जगदलपुर से कांकेर की सभा तक पीएम ने घटा दिए 10 वनोपज

मोदी के झूठ को जान गई है बस्तर की जनता

लाखों बस्तरियों को गारंटी देने में फिर नाकाम साबित हुए पीएम

बस्तर जिले के नगरनार में स्थापित एनएमडीसी के स्टील प्लांट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को मतदाता समझ रहे हैं।

इस मामले पर भाजपा अगर चुप्पी साध रही है तो मतदाता भी अपना ठीक- अठीक जान रहे हैं। यही कारण है कि विधानसभा के चुनाव में भाजपा समूचे बस्तर संभाग से रिजेक्ट हो रही है

कांग्रेस के पक्ष में जनादेश जाता देख भाजपा नेता बेचैन हो रहे हैं। एक माह पहले जगदलपुर में जब प्रधानमंत्री आए थे

तो उन्होने नगरनार प्लांट को लेकर कोई ठोस आश्वासन यहां की जनता को नहीं दिया था। दो दिन पहले कांकेर की सभा में भी वे गोल- मोल बात करके चले गए।

क्षेत्रीय बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त होने की जिस बुनियाद पर यह प्लांट खड़ा किया गया है,

उसके पूरा न होने से युवाओं में हताशा व निराशा है। भाजपा की नीति के कारण प्लांट में मजदूरी करने के योग्य भी बस्तर के लोगों को नहीं समझा गया है।

भू प्रभावित किसान परिवारों की बेटियां नौकरी के लिए धरना देने बाध्य हैं। इन जैसे अनेक कारणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जिस दावे और सोच के साथ इसकी स्थापना की गई थी,

उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है जिसके अधीन यह प्लांट आता है।

इसे देखते हुए ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि यदि केंद्र इसके संचालन में असमर्थ है

तो राज्य सरकार इसे चला सकती है लेकिन प्रधानमंत्री को यह मंजूर नहीं था क्योंकि इससे उनके अरबपति मित्र अदाणी की मंशा की पूर्ति नहीं हो पाती।

अदाणी को यह प्लांट सौंपने विनिवेशीकरण का फार्मूला बनाया गया है। यह कहना है निवर्तमान विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेखचंद जैन का।

जैन का कहना है कि नगरनार प्लांट को लेकर एक लाईन में यह सुनना चाहती है

कि इसका निजीकरण या विनिवेशीकरण नहीं किया जाएगा लेकिन भाजपा के सभी जिम्मेदार ऐसा कहने से बच रहे हैं क्योंकि उनके मन में खोट और दिमाग में साजिश है।

भाजपा सीधे- सीधे जनता से कहे कि यहां के खनिज संसाधन या उस पर आधारित किसी भी उद्योग को अदाणी को नहीं सौंपा जाएगा।

100 से 90 हो गए वनोपज

कांग्रेस नेता रेखचंद जैन ने कहा है कि बस्तर की जनता प्रधानमंत्री मोदी के झूठ को बखूबी समझ गई है।

2014 में भी देश के लोगों को 15-15 लाख रुपये देने का झूठ पहली बार कांकेर की जनता को परोसा गया था। प्रधानमंत्री फिर से यहां झूठ बोलकर गए हैं।

एक माह पहले जगदलपुर में उन्होने केंद्र सरकार के द्वारा 100 वनोपजों पर एमएसपी देने की बात कही थी। यह कांकेर पहुंचते तक 90 हो गए हैं।

मोदी को लगता है कि वे यहां कुछ भी बोलकर जाएंगे और जनता उन पर भरोसा कर लेगी जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा जनता का भरोसा तोड़ने वाली पार्टी साबित हुई है।

बेरोजगारी- मंहगाई से जूझ रही जनता को जिस ठोस आश्वासन की प्रधानमंत्री से उम्मीद थी, वह फिर से टूटा है। बस्तर के लाखों परिवारों को बेहतर भविष्य की गारंटी देने में प्रधानमंत्री नाकाम रहे हैं।

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