मध्यप्रदेशराज्य

जबलपुर के अंजुमन इस्लामिया स्कूल ने शुक्रवार छुट्टी और रविवार स्कूल का फरमान जारी किया, विवाद

जबलपुर 
शहर में स्कूल की छुट्टी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां अंजुमन इस्लामिया नाम के स्कूल ने शुक्रवार की छुट्टी रखी है और रविवार के दिन स्कूल लगाने का फरमान जारी किया है. इस फरमान के खिलाफ अल्पसंख्यक मोर्चा के एक नेता ने आपत्ति जाहिर की है, उनका कहना है कि स्कूल के स्टाफ और कई अभिभावकों ने इस फैसले को गलत माना है लेकिन स्कूल प्रबंधन उनकी बात नहीं सुन रहा है.मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत की गई है. जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले में जांच करके फैसला देंगे.

पाकिस्तान और बांग्लादेश में होती है शुक्रवार की छुट्टी

जबलपुर अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता मुजम्मिल अली ने अंजुमन इस्लामिया स्कूल के एक अनोखे फरमान के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की है. मुजम्मिल अली ने कहा, '' स्कूल में एक अनोखा फरमान निकला है, जिसमें स्कूल में साप्ताहिक अवकाश रविवार की जगह शुक्रवार के दिन रखा जाएगा और रविवार के दिन स्कूल लगाया जाएगा. भारत में रविवार की ही छुट्टी होती है, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुस्लिम देश में शुक्रवार के दिन की छुट्टी रखी जाती है इसलिए भारत में इस तरह की छुट्टी सही नहीं है. मुजम्मिल ने प्रशासन से इस मामले में दखल देने की अपील की है.

शुक्रवार की छुट्टी पर मैनेजमेंट की सफाई

इस मामले में अंजुमन इस्लामिया स्कूल के प्रबंधक अनवर अली ने कहा, '' अंजुमन इस्लामिया संस्था पांच स्कूल और एक कॉलेज का संचालन करती है और केवल एक स्कूल नहीं बल्कि सभी स्कूलों में शुक्रवार के दिन की छुट्टी पहले से ही रहती है. मैंने केवल इंग्लिश मीडियम स्कूल की छुट्टी की है और रविवार के दिन इसलिए स्कूल लगाया जा रहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो.''

डीईओ के पास पहुंची अंजुमन की शिकायत

वहीं, जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कहा, '' हमारे पास यह शिकायत आई है क्योंकि अंजुमन इस्लामिया स्कूल एक निजी संस्था चलाती है ऐसी स्थिति में हमें उनके नियम देखने होंगे. हालांकि, भारत में रविवार को ही छुट्टी की परंपरा है. ऐसी स्थिति में अंजुमन इस्लामिया स्कूल ने मनमाने ढंग से कैसे नियम बदला है, इसे देखना होगा. यदि संस्थान नियम विरुद्ध तरीके से काम करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''

अब देखना ये होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और अंजुमन इस्लामिया स्कूल ने किस नियम के तहत ये बदलाव किया.

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