सामुदायिक भवन के आवंटन पर विवाद तेज
शिव मंदिर समिति ने जताया विरोध

बसंत ताटी ने कहा उद्योगपति को लीज़ पर देना जनहित के विपरीत

भोपालपटनम (के. श्रीनिवास राव)। भोपालपटनम नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 15 में स्थित शिव मंदिर समिति की स्वामित्व भूमि पर निर्मित सामुदायिक भवन के आवंटन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय शिव मंदिर समिति ने इस भवन को छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (CMDC) के माध्यम से एक उद्योगपति को कार्यालय उपयोग के लिए पाँच वर्षों की लीज़ पर दिए जाने के आदेश का कड़ा विरोध किया है।
समिति ने इस संबंध में कलेक्टर बीजापुर के नाम ज्ञापन एसडीएम भोपालपटनम को सौंपते हुए मांग की है कि आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए।

समिति पदाधिकारियों ने बताया कि यह भवन लगभग 20 से 25 वर्ष पहले नगरवासियों के सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए बनाया गया था। तब से लेकर अब तक यहाँ शादी-विवाह, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता रहा है।
समिति के अनुसार यह भवन खसरा नंबर 249/2, रकबा 0.51 डिसमिल की भूमि पर निर्मित है, जो अध्यक्ष, शिव मंदिर समिति के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। समिति का कहना है कि यह भूमि नगरवासियों की सुविधा और धार्मिक उपयोग के लिए दी गई थी, इसलिए इसका सरकारी कार्यालय के रूप में उपयोग अनुचित है।
समिति अध्यक्ष कमल सिंह कोर्राम ने कहा कि यह भवन नगर का एकमात्र सामुदायिक केंद्र है और समीप स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में हर वर्ष होने वाले महाशिवरात्रि मेला महोत्सव में इसी भवन का उपयोग प्रमुख रूप से किया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवंटन आदेश निरस्त नहीं किया गया, तो नगरवासी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस मुद्दे पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बसंत राव ताटी ने भी प्रशासन के निर्णय पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि भवन को एक उद्योगपति को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से लीज़ पर देना अनुचित और जनहित के विपरीत है।
ताटी ने कहा कि सामुदायिक भवन का निर्माण सामाजिक व धार्मिक प्रयोजनों के लिए किया गया था, न कि किसी निजी कंपनी के कार्यालय हेतु। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि आवंटन आदेश तत्काल निरस्त कर भवन को सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान समिति अध्यक्ष कमल सिंह कोर्राम के साथ गट्टू सुधाकर, आनकारी सुधाकर, राजा राम सोनी, तेजनारायण सिंह, मुरलीधर जी, उमेश, पी. आनंद, श्रीनिवास कोयलकर सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।




