पदोन्नति में दिव्यांग आरक्षण की अनदेखी पर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ का विरोध हुआ तेज
शासन के आदेशों की अनदेखी, विभागीय उदासीनता पर जताया आक्रोश
दिव्यांग शिक्षकों को मिले उनका वैधानिक हक – कैलाश रामटेके

बीजापुर (हिंदसत)। शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी प्राचार्य पदोन्नति सूची में दिव्यांग शिक्षकों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने पर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संघ के जिला अध्यक्ष प्रहलाद जैन और जिला सचिव एवं संभागीय प्रवक्ता कैलाश रामटेके ने इसे शासन के स्पष्ट आदेशों और दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 34 का उल्लंघन बताया है।
संघ के सचिव कैलाश रामटेके ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2014 से लेकर 2025 तक कई आदेश जारी किए हैं, जिनमें पदोन्नति में दिव्यांग कर्मचारियों को 3 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ अनिवार्य रूप से दिए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा जारी हालिया प्राचार्य और व्याख्याता पदोन्नति सूची में दिव्यांग वर्ग की अनदेखी की गई, जो विभागीय उदासीनता को दर्शाता है।
संघ ने शासन के आदेश क्रमांक एफ 4-1/2013/1-3 (26.02.2014), एफ 13-2/2018/वी.ई./1/3 (29.08.2018) एवं नवीन आदेश RULE/339/2025-GAD-3 (10.10.2025) का हवाला देते हुए कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया में दिव्यांग कर्मचारियों को आरक्षण देना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि संघ की प्रमुख मांग है कि जारी प्राचार्य पदोन्नति सूची की रिवाइज्ड डीपीसी तैयार कर 3% दिव्यांग आरक्षण के तहत पात्र शिक्षकों को पदोन्नति प्रदान की जाए।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शासन ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो यह मुद्दा प्रदेशव्यापी आंदोलन के रूप में उठाया जाएगा।




