सर्व आदिवासी समाज का हल्ला बोल : भूमि सौदे, रेत माफिया और छात्रावासों की बदहाली पर सौंपा ज्ञापन

शासन को दी चेतावनी, कहा- जनहित मुद्दों पर नहीं हुई कार्रवाई तो सड़कों पर उतरेगा समाज
बीजापुर(हिन्दसत)। बीजापुर जिले में लगातार बढ़ते अवैध रेत परिवहन, औद्योगिक घरानों द्वारा भूमि की खरीद-बिक्री और आदिवासी आश्रम-छात्रावासों की दुर्दशा के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने बुधवार को एसडीएम जागेश्वर कौशल को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन सौंपा। संगठन ने इन मुद्दों को जनजीवन और संविधान दोनों के उल्लंघन से जुड़ा बताया है और शासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने कहा कि नक्सल प्रभावित और संरक्षित जनजातीय क्षेत्रों की भूमि औद्योगिक घरानों को बेची जा रही है, जो पांचवीं अनुसूची का खुला उल्लंघन है। वहीं, DMF निधि का उपयोग केवल 25 किमी परिधि तक सीमित रखने से बीजापुर के सुदूर गांव विकास से वंचित हैं।

ज्ञापन में समाज ने बताया कि जिले की नदियों से अवैध रूप से रेत की तस्करी जारी है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन के साथ स्थानीय पंचायतों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है। साथ ही आश्रम-छात्रावासों में रह रहे आदिवासी बच्चों के भोजन, सुरक्षा और भवनों की जर्जर हालत पर भी गहरी चिंता जताई गई है।
ज्ञापन में समाज ने शासन से चार प्रमुख मांगें रखीं –
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की भूमि खरीद-फरोख्त पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- DMF निधि का लाभ पूरे जिले को प्रदान किया जाए।
- अवैध रेत परिवहन पर सख्त कार्रवाई करते हुए पंचायतों को अधिकार दिए जाएं।
- आश्रम-छात्रावासों की मरम्मत, भोजन और सुरक्षा व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए।
समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शासन-प्रशासन ने शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की, तो जिलेभर में व्यापक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी, ब्लॉक अध्यक्ष पाण्डुराम तेलाम, शांतनु, श्रवण सैंड्रा सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।


