‘नवसाक्षर लेखन कार्यशाला’ का राजीव गांधी विश्वविद्यालय में हुआ शुभारंभ
कुलपति प्रो. जयदेव साहू और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त निदेशक कुमार विक्रम ने किया उद्घाटन

दोईमुख (ईटानगर)।अरुणाचल प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा ‘नवसाक्षर लेखन कार्यशाला’ का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय कार्यशाला राजीव गांधी विश्वविद्यालय, दोईमुख, ईटानगर के हिंदी विभाग के सहयोग से 12 से 14 नवंबर तक चल रही है। कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयदेव साहू और नेशनल बुक ट्रस्ट के मुख्य संपादक एवं संयुक्त निदेशक कुमार विक्रम ने संयुक्त रूप से किया।
उद्घाटन समारोह में न्यास की परंपरा के अनुसार मुख्य अतिथियों ने कार्यशाला में शामिल विद्वानों और लेखकों का पुस्तकों व शॉल से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला प्रभारी डॉ. ललित किशोर मंडोरा ने किया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. जयदेव साहू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इस कार्यशाला के माध्यम से नवसाक्षरों में लेखन और पठन की नई चेतना विकसित होगी। उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट का यह प्रयास सराहनीय है, जिससे राज्य के लेखकों और नवसाक्षरों को प्रोत्साहन मिलेगा।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के मुख्य संपादक कुमार विक्रम ने कहा कि “हम सिखाने नहीं, सीखने आए हैं। नवसाक्षरों के लिए यह कार्यशाला इसलिए आयोजित की जा रही है ताकि उन्हें सरल और रोचक पठनीय सामग्री मिलती रहे और वे पुनः निरक्षरता की ओर न लौटें।” उन्होंने बताया कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से पर्यावरण, जेंडर समानता, और जीवन कौशल जैसे विषयों पर सरल भाषा में कहानियाँ तैयार की जाती हैं।

राजीव गांधी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. जोराम यालम नबाम ने कहा कि यह आयोजन अरुणाचल प्रदेश के हिंदी रचनाकारों के लिए सीखने का सुनहरा अवसर है। विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. ओकेन लेगो ने बताया कि नेशनल बुक ट्रस्ट ने इस ऐतिहासिक कार्यशाला के लिए राजीव गांधी विश्वविद्यालय का चयन किया, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज, जो कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे, ने कहा कि “न्यास ने नवसाक्षरों के लिए कई उत्कृष्ट पुस्तकें प्रकाशित की हैं। यह कार्यशाला गाँव-समाज की जमीनी कहानियों को सामने लाने का अवसर प्रदान करेगी।”
तीन दिवसीय कार्यशाला में अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हिंदी लेखक और नवसाक्षर सम्मिलित हुए, जिनमें प्रो. ओकेन लेगो, प्रो. जोराम यालम नबाम, डॉ. जमुना बीनी, डॉ. तारो सिन्दिक, सुश्री गुम्पी डूसो लोम्बि, डॉ. आइनम इरिंग, दोरजी लोन्पु, सुश्री नोमी मागा गुमरो, डॉ. तुम्बम रीबा, डॉ. मोर्जुम लोई, डॉ. तेली मेचा, सुश्री मिसुङ मदो, वांगो सोसिया, रिंगु एलप्रा तथा सुश्री जुमनू कामदाक प्रमुख हैं।
कार्यशाला 14 नवंबर तक चलेगी, जिसमें प्रतिभागी नवसाक्षर पाठकों के लिए सरल भाषा में कहानियाँ और लेख तैयार करेंगे, जिन्हें बाद में नेशनल बुक ट्रस्ट प्रकाशित करेगा।




