बालक छात्रावास में हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया जनजाति गौरव दिवस
छात्र-छात्राओं ने किया जनजातीय कला व संस्कृति का प्रदर्शन

बीजापुर। जिला मुख्यालय स्थित प्री-मेट्रिक बालक छात्रावास बीजापुर में गुरुवार को जनजाति गौरव दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम की प्राचार्य सरिता दुब्बा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सर्व आदिवासी समाज के जिला सचिव एवं कंवर समाज के अध्यक्ष कमलेश्वर पैंकरा शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने जनजातीय कला, संस्कृति, रंगोली और चित्रकला का मनमोहक प्रदर्शन किया।
मुख्य वक्ता कमलेश्वर पैंकरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनजाति गौरव दिवस आदिवासी समाज के गौरव, संघर्ष, त्याग और योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने बिरसा मुंडा, गुंडाधुर, टंट्या भील, देबरीधुर, सीताराम कंवर, वीर नारायण सिंह, धुर्वा राव सहित कई जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इन वीर नायकों ने भारत की आज़ादी और सामाजिक न्याय की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के योगदान को मुख्यधारा में अक्सर पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता, इसलिए यह दिवस समाज में जागरूकता बढ़ाकर जनजातीय इतिहास को सम्मान दिलाने का कार्य करता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन द्वारा पहचान, आत्मसम्मान और गौरव बढ़ाने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम विद्यालय की प्राचार्य सरिता दुब्बा ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन जिला कलेक्टर संबित मिश्रा और आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त देवेंद्र सिंह के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में जनजातीय इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जागरूकता और प्रेरणा बढ़ाते हैं।

इस अवसर पर छात्रावास अधीक्षक लखन पदम, शिक्षक हुलसी यादव, विनोद कश्यप, वरिष्ठ पत्रकार आशीष पद्मवार, सिरोज विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।




